संभल हिंसा: 2500 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज, SP ने कहा सभी की होगी गिरफ्तारी, देखें VIDEO
सपा सांसद और विधायक के बेटे पर भी मुकदमा दर्ज
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संभल। सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को हिंसा भड़की थी। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। वहीं, इलाके में बाहरी लोगों के आने पर भी रोक लगा दी गई है। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा। संभल में पथराव की घटना पर संभल एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, "करीब 2500 लोगों के खिलाफ कुल 7 एफआईआर दर्ज की गई हैं। सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों की मदद से सभी लोगों की पहचान की जाएगी। उनके (सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क) खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है..."संभल एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि हमारे सब-इंस्पेक्टर दीपक राठी जो कल घायल हो गए थे, उन्होंने 800 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। जिया उर रहमान बर्क और सोहेल इकबाल को आरोपी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने भीड़ को उकसाया। बर्क को पहले भी नोटिस दिया गया था। उन्होंने पहले भी भड़काऊ भाषण दिए थे और उन्हें ऐसा न करने के लिए कहा गया था... घटना में 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। संभल जिले में हिंसा मामले में दो थानों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। सांसद के अलावा स्थानीय सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों पर ही दंगाइयों को भड़काने का आरोप लगा है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है।
संभल में पथराव की घटना पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "संभल में मस्जिद 50-100 साल पुरानी नहीं है, यह 250-300 साल से भी ज्यादा पुरानी है और कोर्ट ने मस्जिद के लोगों की बात सुने बिना ही एकपक्षीय आदेश पारित कर दिया जो गलत है... जब दूसरा सर्वेक्षण किया गया तो कोई जानकारी नहीं दी गई... सर्वेक्षण का वीडियो जो लोग दावा कर रहे हैं कि सार्वजनिक डोमेन में है, उसमें दिखाया गया है कि सर्वेक्षण के लिए आए लोगों द्वारा भड़काऊ नारे लगाए गए थे। हिंसा हुई, तीन मुसलमानों को गोली मार दी गई। हम इसकी निंदा करते हैं। यह गोलीबारी नहीं बल्कि हत्या है... इसमें शामिल अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए और एक मौजूदा उच्च न्यायालय को जांच करनी चाहिए कि यह पूरी तरह से गलत है, वहां अत्याचार हो रहे हैं..."
संभल हिंसा पर समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, यह एक पूर्व नियोजित घटना है। पूरे देश में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और आजादी के बाद ऐसी बुरी स्थिति कभी नहीं हुई। जिस तरह से पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है... एक के बाद एक याचिकाएँ प्रस्तुत की जा रही हैं और उसी दिन सुनवाई हो रही है और आदेश भी आ रहा है, उसी दिन डीएम और एसपी ने जाकर सर्वेक्षण किया... लोगों को नमाज़ पढ़ने से रोका गया... दूसरे सर्वेक्षण की क्या ज़रूरत थी?"
आप सांसद संजय सिंह ने कहा, "संभल में हिंसा भाजपा और सरकार द्वारा प्रायोजित है। काशी, मथुरा में सर्वे हुआ और यहां संभल में कैसे सर्वे हो रहा है? एक घंटे में कोर्ट का आदेश जारी हो रहा है। डेढ़ घंटे में सर्वे करने के लिए टीम आ रही है। आपने उत्तर प्रदेश को चुना है उत्पात मचाने के लिए, नफरत की आग में झोंकने के लिए। यहां हमेशा हिंसा होगी, बुलडोजर चलेंगे, दंगे होंगे... पूरे मामले की हाईकोर्ट की निगरानी में जांच होनी चाहिए और जो भी इसके दोषी हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए..."