माओवादियों के डर को दूर करने में बीएसएफ दे रहा अथक योगदान

बीएसएफ की तैनाती से नक्सली गतिविधियों में आई है कमी

माओवादियों के डर को दूर करने में बीएसएफ दे रहा अथक योगदान

भिलाई। सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ फ्रंटियर, छत्तीसगढ राज्य के कांकेर जिले एवं कोंडागांव और नारायणपुर जिलों के सीमावर्ती दुर्गम इलाके में माओवाद से निपटने के लिए तैनात है। विगत वर्षों में जिला कांकेर नक्सलियों से अत्यधिक ग्रस्त था जहां हत्या, अपहरण और जबरन वसूली विशेष रूप से दूरदराज के इलाकों में काफी प्रचलित थी। नक्सल कैडर में स्थानीय नागरिको की बलपूर्वक भर्ती भी बड़े पैमाने पर हो रही थी। सीमा सुरक्षा बल की तैनाती के उपरान्त जिलों कि स्थिति में अप्रत्याशित सकारात्मक सुधार लाया है। दिसंबर 2009 में 05 बटालियन के साथ सीमा सुरक्षा बल को कांकेर में तैनात किया गया।  तैनाती के बाद सीमा सुरक्षा बल ने धीरे-धीरे माओवादियों को उनके गढ़ों से खदेड़ रहा है। वर्तमान मे सीमा सुरक्षा बल की 08 बटालियन कांकेर, कोंडागांव और नारायणपुर के दूरदराज के इलाके में मजबूती से पकड़ बना रही है जिससे माओवादी गतिविधियों में काफी कमी आई है। सीमा सुरक्षा बल अपने कर्तव्यों का निर्वाह कर स्थानीय लोगो में विश्वास और सुरक्षा की भावना पैदा कर रहा है।
वर्ष 2022 के दौरान, सीमा सुरक्षा बल ने राज्य पुलिस के साथ संयुक्त अभियान के दौरान 03 संदिग्ध माओवादी और 01 वारंटी को गिरफ्तार किया। सीमा सुरक्षा बल वर्तमान वर्ष में 04 माओवादियों का आत्मसमर्पण कराने में सफल रही है। वर्ष 2022 के दौरान सीमा सुरक्षा बल ने 06 आईईडी, 01 एसबीएमएल और 09 इंप्रोवाइज्ड डायरेक्शनल माइन बरामद की और सुरक्षा बलों और नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की माओवादी की बड़ी योजना को विफल कर दिया। जवानों की सजगता और कर्तव्यनिष्ठा के कारण माओवादी सीमा सुरक्षा बल के जवानों को नुकसान नही कर पाये है।
सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ फ्रंटियर ने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों के नागरिकों और छात्रों के बीच देशभक्ति की भावना पैदा करने के उद्देश्य से आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान साइकिल रैली, बाइक रैली, वॉकथॉन और हथियार प्रदर्शनी जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन किया। स्थानीय लोगो की सहायता और प्रोत्साहित करने के लिए सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ फ्रंटियर द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें  वर्ष 2022 के दौरान आयोजित सिविक एक्शन प्रोग्राम की कुल संख्या 63, ग्रामीणों को आवंटित सामान की कुल धनराशि 1,54,27,324 रुपए,  वर्ष 2022 के दौरान आयोजित मेडिकल कैंम्प की कुल संख्या 32, ग्रामीणों को आवंटित दवाई की कुल धनराशि 14,40,741 रुपए एवं वर्ष 2022 के दौरान पौधरोपण 1,36,685 शामिल हैं।
वर्ष 2022 में आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ ने 135 आदिवासी युवाओं को दूसरे राज्यों में भ्रमण कराया और उन्हें अन्य राज्यों की संस्कृति और आचार-विचार से परिचित कराया। इसके साथ-साथ अति पिछड़े इलाको में पुरुष और महिला युवाओं को आत्म निर्भर बनाने के उद्देश्य से सीमा सुरक्षा बल ने विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रम जैसे ब्यूटी पार्लर, वेल्डिंग, मैकेनिक आदि का आयोजन किया। सीमा सुरक्षा बल ने कांकेर जिले के आदिवासी युवाओं को सुरक्षा बलों में भर्ती और अन्य नौकरी के लिए प्रशिक्षित किया और स्थानीय युवाओं को केंद्र/राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी जागरूक किया।
वर्तमान में सीमा सुरक्षा बल की दो बटालियनें रावघाट लौह अयस्क खदान को सुरक्षा प्रदान कर रही है, जिसके कारण देश और दुनिया में लौह अयस्क की निरन्तर आपूर्ति  संभव हो पाया है। सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ फ्रंटियर अपनी ऑपरेशनल ड्यूटी के साथ-साथ ग्रामीणों के उत्थान के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रहा हैं और नक्सल प्रभावित दूरस्थ क्षेत्रों में राज्य व केंद्र के विभिन्न विकासात्मक कार्यों को योजनबद्ध तरीके से पूर्ण कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
 
तैनाती से लेकर अब तक सीमा सुरक्षा बल के अथक सहयोग और पूर्ण सुरक्षा से राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण 587 कि.मी., निर्माणाधीन सड़क 79.8 कि.मी, छोटे पुल और पुलिया का निर्माण 185, पुलिस स्टेशन 7, स्कूल/ कॉलेज/ छात्रावास 62, समुदायिक भवन  19, अस्पताल 16, आंगनवाडी 103, पंचायत भवन 22 आदि कार्य किए गए।
वर्ष 2022 के दौरान, फ्रंटियर,  मुख्यालय के  9  कर्मियों को 2019 में माओवादियों के खिलाफ एक मुठभेड़ में उत्कृष्ट साहस का प्रदर्शन करने के लिए पुलिस वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस वर्ष के दौरान सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ फ्रंटियर की मार्चिंग टुकड़ी ने रायपुर, छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता दिवस परेड में भाग लिया और केन्द्रीय तथा राज्य पुलिस बल की मार्चिंग टुकड़ी में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीएसएफ के मार्चिंग टुकडी को सर्वश्रेष्ठ ट्रॉफी प्रदान की। 
सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ फ्रंटियर माड के  क्ष़ेत्र में अग्रसर हो रही है जो कि माओवादियों का गढ़ है और माओवादियों को उचित मुहतोड़ जवाब दे रही है एवं लोगों के दिलो-दिमाग में सुरक्षा की भावना पैदा कर उनके अंदर से माओवादियों के डर को दूर करने में अपना अथक योगदान दे रहा है।