रामनवमी हिंसा की जांच करेगी एनआईए, हाईकोर्ट से बंगाल की ममता सरकार को बड़ा झटका
कोलकाता (एजेंसी)। पश्चिम बंगाल में रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने का आदेश दे दिया है। धार्मिक जुलूस के दौरान कई जगहों पर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। 30 मार्च को रामनवमी के जुलूस के दौरान कई जगहों पर पत्थरबाजी और आग जन की घटनाएं हुईं। हावड़ा और दिनाजपुर जिले में विश्व हिंदू परिषद ने रामनवमी का जुलूस निकाला था। इसी दौरान दो समुदाय भिड़ गए। इसके 24 घंटे बाद शिबपुर में दोबारा पत्थरबाजी की घटना हुई। इसमें तीन पुलिसवालों समेत करीब 15 लोग घायल हो गए थे। इसके अलावा 10 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। कई दुकानों में आग लगा दी गई थी और तोड़फोड़ की गई थी।
जस्टिस टीएस शिवाग्नानम और जस्टिस हीरनमय भट्टाचार्य की बेंच ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी की पीआईएल पर सुनवाई कर रहा था। इससे पहले बेंच कह चुकी है कि राज्य सरकार की पुलिस द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट बताती है कि यह हिंसा प्रीप्लान थी। पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया था कि दो समूहों में हिंसा हुई लेकिन कोई तीसरा शख्स था जो कि इसका फायदा उठाना चाहता था। हिंसा की घटनाओँ के बाद पुलिस ने करीब तीन दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। यहां के कुछ लोगों ने यह आशंका जाहिर की थी कि इस हिंसा के पीछे राजनीतिक कनेक्शन है। सूत्रों के मुताबिक गुड्डू शेख नाम का श्ख्स आॅटो यूनियन को कंट्रोल करता है और उसने लोगों को इकट्ठा किया था। उसकी का पॉलिटिकल कनेक्शन भी बताया जाता है।