BIG BREAKING: TA प्रशिक्षुओं से भिलाई इस्पात संयंत्र से काम दिलाने के बहाने पैसे लेकर ठगी करने वाले 7 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज
ठगी के शिकार टीवी प्रशिक्षुओ में न्यायालय के आदेश के बाद हर्ष का माहौल
भिलाई। भिलाई भट्टी थाना में दर्ज टीए प्रशिक्षुओं के साथ हुए 50 करोड़ के ठगी के मामले में सेशन कोर्ट श्री भानु प्रताप सिंह त्यागी के सेशन कोर्ट ने 28 दिसंबर को ठेकेदार संजय उपाध्याय, प्रमोद पांडे ,मार्कण्डेय नाथ तिवारी,राजेश मिश्रा, शंभू सिंह,पवन यादव ,भगवान दास का अग्रिम जमानत खारिज कर दिया है।
ज्ञात हो कि भिलाई भट्टी थाने में अपराध क्रमांक 0171 / 2022 में भिलाई नगर निगम के ठेकेदार संजय उपाध्याय, प्रमोद पांडे ,मार्कण्डेय नाथ तिवारी,राजेश मिश्रा, शंभू सिंह,पवन यादव ,भगवान दास के खिलाफ धारा 420 और 34 के तहत सैकड़ों टीए प्रशिक्षुओं से ठगी का आवेदन पर अपराध दर्ज किया गया है जिसमें की लगभग 50 करोड़ के मामले का उजागर होना अभी तक पाया गया है अपराध दर्ज होने के बाद आरोपी संजय उपाध्याय ,पवन यादव, शंभू सिंह और भगवानदास के द्वारा न्यायालय में अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया गया था जिसमें तथ्यों को देखते हुए और मामले की गंभीरता को देखते हुए और आवेदक गणों के विरोध के बाद जमानत आवेदन को खारिज कर दिया गया जिससे कि पीड़ित पक्ष में हर्ष व्याप्त है। आरोपी गण पुलिस पकड़ से बाहर हैं तथा लगातार पुलिस आरोपी गणों की पतासाजी कर रही है लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
टीए संगठन के अध्यक्ष संतोष सिंह ने www.crimedon.com क्राइम डॉन को बताया कि आरोपी गणों के द्वारा पीड़ित पक्षों को डराया और धमकाया जा रहा है। खास करके उन पीड़ितों को डराया धमकाया जा रहा है जो कि गांव ग्रामीण इलाके के हैं और सीधे साधे हैं।
<span;>TA संगठन के अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह एवं कुलदीप सिंह द्वारा की गई शिकायत पर शुक्रवार 23 दिसंबर को भट्टी थाना पुलिस ने TA प्रशिक्षुओं से काम दिलाने के बहाने पैसे लेकर ठगी के मामले में प्रशिक्षु कल्याण समिति के सात लोग राजेश कुमार मिश्रा, प्रमोद कुमार पांडेय, संजय उपाध्याय, मार्कण्डेय नाथ तिवारी, भगवान दास, पवन कुमार यादव और शम्भू सिंह के खिलाफ धारा 34 तथा 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया था।
<span;>भट्टी थाना प्रभारी श्री कुशवाहा से मिली जानकारी के अनुसार TA संगठन के अध्यक्ष संतोष सिंह और कुलदीप सिंह ने शिकायत दर्ज कराया था कि भिलाई प्रशिक्षु कल्याण समिति के कुमार मिश्रा, प्रमोद कुमार पांडेय, संजय उपाध्याय, मार्कण्डेय नाथ तिवारी, भगवान दास, पवन कुमार यादव द्वारा हमसे ठगी करके धोखाधड़ी कर सन् 2004/2005 में समिति के नाम से हम सैकड़ो युवाओ से भिलाई इस्पात सयंत्र में वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराने के नाम पर लाखो रूपये की ठगी की गई है।
उल्लेखनीय है कि संतोष सिंह ने शिकायत में कहा कि मैनें भिलाई इस्पात सयंत्र में टी. ए. की ट्रेनिंग सन् 1999 में उत्तीर्ण था, भिलाई इस्पात सयंत्र में टी.ए. की नौकरी नहीं लग पायी और हमारा धरणा प्रदर्शन चलता रहा, उसी तारतम्य में सन् 2004 सितम्बर में भिलाई इस्पात सयंत्र के अधिकारियो और हमारे बीच बैठक हुआ था, जिसमें भिलाई इस्पात सयंत्र प्रबंधन द्वारा एक प्रस्ताव बनाया गया था, जिसका क्रंमाक No. - GM (P)/BSP/04/1405/ September 10, 2004 था जिसमें यह प्रस्ताव दिया गया था कि समस्त टी.ए. प्रशिक्षु एक कोऑपरेटिव सोसायटी बनायेगें और उसमें वैकल्पिक रोजगार उसी माध्यम से टी.ए. प्रशिक्षुओ को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा जिसमें सभी टी.ए. प्रशिक्षुओ की सहमति के बाद समिति बनाने हेतु और उसको संचालन हेतु टी. ए. सदस्यो द्वारा राजेश कुमार मिश्रा को समिति का प्रमुख बनाया गया था जो कि सर्वसम्मित से बनाया गया था। उसी समिति को विकसित करने हेतु और रोजागार हेतु सभी सदस्य को राजेश मिश्रा द्वारा निर्देशित किया गया कि 4000/- रूपये से लेकर 8000/- रूपये तक जमा करेगें और उस रकम का उपयोग ठेका मिलने पर कार्य संपादन किया जायेगा। इस प्रकार सभी सदस्यों द्वारा सितम्बर 2004 से लेकर वर्ष 2005 तक प्रत्येक सदस्य अपना अपना रकम भिलाई स्थित सेक्टर 01 अम्बेडकर पार्क में नगद रकम जमा करना प्रारंभ किये। जिसमे मैंने अपना रकम राजेश कुमार मिश्रा को एक बार 4000/-, एक बार 2000/-, एक बार 2000/- रूपये कुल 8000/- रूपये नगद दिया था। इसी प्रकार मेरे मित्र कुलदीप सिंह ने एक बार 3000/-, एक बार 3500/- नगद मार्कण्डेय तिवारी को वर्ष 2004 एवं 2005 के दरम्यीन नगद दिया गया था। समिति का पंजीयन सन् 2006 में भिलाई प्रशिक्षु कल्याण समिति के नाम से करवाया गया जिसमें सभी सदस्य सहमत थे। समिति के रजिस्ट्रेशन के पश्चात् मात्र 22 लोगो का नाम समिति में इनके द्वारा दिया गया था, तथा शेष लगभग 350 टी.ए. प्रशिक्षुओं ने अपना अपना रकम समिति के नाम पर दिये थे और जो लिस्ट बना था रकम प्राप्ति का और सभी का नाम राजेश मिश्रा अपने पास रखते थे, उक्त समिति हेतु टी.ए. प्रशिक्षुओ मे से 15 लोगो को प्रमुख बनाया गया था, जिसमें राजेश मिश्रा के अलावा प्रमोद कुमार पाण्डेय, मार्कण्डेय नाथ तिवारी, संजय उपाध्याय, भगवानदास, पवन यादव, शंभू सिंह ये लोग प्रमुख रूप से शामिल थे, इन्ही के पास हमारे बीच के सभी टी.ए. प्रशिक्षु अपना अपना रकम जमा करते थे। दिनांक 08/01/2006 तक लगभग 345 टी.ए. प्रशिक्षुओं द्वारा अपना अपना रकम जमा कर दिया गया था। इस प्रकार जब वर्ष 2020 में सूचना के अधिकार अधिनियम के माध्यम से मुझे जानकारी प्राप्त हुयी कि समिति में मात्र 22 लोग के अलावा भिलाई इस्पात सयंत्र में किसी का नाम नहीं दिया गया, हमसे किसी का नाम व लिस्ट जमा नहीं किया गया और हमसे छल किया गया। इस विषय को लेकर सन् 2010/2011 में हम लोगो का आपसी विवाद हुआ था उसके बाद ये लोग एक बायोडाटा रजिस्टर बनाये थे, जिसमें हम सभी का फोटो लगाया गया था उसके बाद ये लोग झूठा आश्वासन देते रहे कि सभी टी.ए. प्रशिक्षुओ का जमा रकम उसके लाभांश के साथ वापस किया जायेगा, और हमारे मे से 01 व 02 सदस्यों को 500/- रूपये और 1000/- रूपये वापस किये, लेकिन समस्त प्रशिक्षुओ का रकम और मेरा रकम वापस नहीं किये जबकि हम सभी के द्वारा मेहनत करके और अपना रकम जमा करके समिति का टर्नओव्हर बाया गया था। हमारे द्वारा अपना जमा रकम और उक्त रकम का लाभांश मांगने पर गाली गलौच और धमकी देते है और बोलते है कि जो करना है कर लो। हम लोग तुम्हारा रकम नहीं देगें। इस प्रकार भिलाई प्रशिक्षु कल्याण समिति के प्रमुख राजेश कुमार मिश्रा एवं उनके अन्य सहयोगी द्वारा समिति बनाने के नाम पर हम लोगो से रकम लेकर उस रकम को सही जगह पर इस्तेमाल नहीं कर अपना स्वार्थ सिध्द करने के लिए हमे धोखे रखकर छलपूर्वक उक्त रकम को निजी स्वार्थ के लिए उपयोग किया गया है।