लड़कियों को आइटम कहना, बाल खींचना भी यौन उत्पीड़न

लड़कियों को आइटम कहना, बाल खींचना भी यौन उत्पीड़न

महाराष्ट्र। मुंबई की एक विशेष अदालत ने कहा है कि किसी लड़की को ‘आइटम’ बुलाना और उसके बाल खींचना यौन उत्पीड़न है। यह उसके शील भंग करने के बराबर है। विशेष जज एसजे अंसारी ने यौन उत्पीड़न के एक मामले में 25 वर्षीय एक व्यवसायी को डेढ़ साल की जेल की सजा सुनाते हुए यह टिप्पणी की। साथ ही अपराधियों की परिवीक्षा अधिनियम के तहत अच्छे व्यवहार के आधार पर रिहा करने से उसे इन्कार कर दिया।

अदालत ने कहा कि इस तरह के अपराधों से सख्ती से निपटने की जरूरत है क्योंकि महिलाओं को उनके अवांछित व्यवहार से बचाने के लिए ऐसे सड़क छाप रोमियो को सबक सिखाने की जरूरत है। इसका लाभ देने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। अभियुक्त को परिवीक्षा देना, उसके प्रति अनुचित उदारता दिखाना होगा।