खेत में जहरीले पानी पीने से 52 मौतें, मचा हड़कंप
खेत में जहरीली दवा का छिड़काव बना कारण
राजनांदगांव। जिले के अंबागढ़ चौकी विकासखंड के ग्राम पंचायत रंगकठेरा के आश्रित ग्राम जरहाटोला के एक खेत मे जहरीले पानी पीने से बड़ी संख्या में दुर्लभ पक्षी, मिट्ठू, गौरैया, कौंआ की दर्दनाक मौत हो जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. एक साथ बड़ी संख्या में पक्षियों के दर्दनाक मौत की सूचना पर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के रेंज अफसर से लेकर डीएफओ कार्यालय राजनांदगांव की टीम मामले की संघन जांच के लिए मौके पर पहुंची. बता दें कि, रंगकठेरा ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम जरहाटोला में एक किसान के खेत में जहरीले पदार्थ का अत्यधिक छिड़काव कर दिया गया था. जिससे प्यासी पक्षी मिट्ठू, कौंआ, गौरैया आदि दुर्लभ पक्षियों ने खेत का जहरीला पानी पीने से खेत में ही बड़ी संख्या में पक्षियों की दर्दनाक मौत हो गई. इस मामले में गांव की तरफ से फॉरेस्ट अमले को खबर मिलने पर अंबागढ़ चौकी फॉरेस्ट रेंजर अफसर तथा आला अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची. वन विभाग की टीम ने खेत की मिट्टी, धान के पौधे का सैंपल लिया। इसे जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। इतनी बड़ी संख्या में पहली बार पक्षियों को मृत अवस्था में देख रहे हैं। किसान ने पूछताछ के दौरान बताया कि चिल्हाटी के एक दुकान में गए थे। उक्त दुकान में कीटनाशक नहीं मिला तब दूसरे दुकान से मंगाया गया।
वहीं पड़ताल में पता चला है कि किसान के खेत में बेहद ही जहरीली दवा का छिड़काव किया गया था, जो मानक दर से अधिक था. जैसे ही प्यासे पक्षियों ने खेत का पानी पिया उनकी दर्दनाक मौत हो गई. इस संबंध में प्रशिक्षु आइएफएस चंद्रशेखर शंकर सिंह परदेशी ने बताया कि, किसान ने खेत में धान के साथ प्रतिबंधित दवाई मिलाकर छिड़काव कर दिया था. उन धान के बीजों का सेवन करने से पंछियों की मौत हो गई. इसकी जानकारी मिलते ही हमने वहां पहुंचकर मुआयना किया हमने पाया कि वहां 52 पक्षी मरे पड़े थे. वन विभाग की टीम को जांच के दौरान यह पता चला है कि किसान ने कीटनाशक को धान की बुआई करने के दौरान छिड़काव किया था। ज्यादा मात्रा में कीटनाशक डाला गया था। इस वजह से आसपास में दाना चुगने के नाम से आने वाले पक्षी इसका शिकार बन गए। सीसीएफ ने बताया कि सूखे हुए खेत में पानी डलवाया गया है। किसान के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। कोर्ट में पेश किया गया था पर जमानत मिल गई है। बताया कि मृत पाए गए कुछ पक्षियों का पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद मृत पक्षियों को जला दिया गया।