छत्तीसगढ़ धर्म के नाम पर समाज का विभाजन चिंताजनक- भूपेश बघेल
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने त्याग और बलिदान से यह साबित किया था कि सभी जाति, धर्म, समाजों की विविधता के बीच एक राष्ट्र के रूप में हमारी एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। आजादी के बाद भारत ने जिन मूल्यों के साथ अपनी यात्रा शुरु की थी, हम उन मूल्यों को सहेजते और मजबूत करते हुए विकास पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। ये वही मूल्य हैं, जो हमारे संविधान की आत्मा हैं। जिनकी वजह से, तमाम चुनौतियों के बावजूद, हमारा लोकतंत्र जिंदा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज एसओएएस यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में आयोजित कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को वर्चुअल रूप से सम्बोधित कर रहे थे। यह कॉन्फ्रेंस भारत की आजादी के 75 वें वर्ष के उपलक्ष्य में एसओएएस यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में एक अगस्त से 03 अगस्त तक भारत के 75 वर्ष एक समीक्षा विषय पर आयोजित है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि आज हमारे लोकतांत्रिक मूल्य पर खतरा मंड़रा रहा है। हम इन मूल्यों को बचाकर और आगे बढ़ाकर भारत की स्वतंत्रता को बचाए रखने में अपना योगदान दे रहे हैं। हमारा देश एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जब जनता के साथ न्याय के सवाल गैरजरूरी बना दिए गए हैं और गैरजरूरी सवालों पर देश को हांकने की कोशिश हो रही है। हम धर्म के नाम पर एक विभाजित समाज का खतरा झेल रहे हैं, यह बहुत ही चिंता का विषय है। उन्होंने आगे कहा कि इस समय देश में आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ी जा रही है, यह लड़ाई आजादी पाने की नहीं, बल्कि बचाने की लड़ाई है। छत्तीसगढ़ में हम पूरी ताकत के साथ यह लड़ाई लड़ रहे हैं। आजादी के 7 दशक पूरे होने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में मुझे यह अवसर मिला कि एक प्रदेश के माध्यम से दुनिया को यह दिखा सकूं कि हमारे लिए आजादी के क्या मायने थे। स्वतंत्रता आंदोलन के क्या मूल्य थे।