मातेश्वरी जगदंबा की पुण्य स्मृति दिवस पर हुए विविध आयोजन
दुर्ग। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के बघेरा स्थित आनंद सरोवर दुर्ग में 24 जून को संस्थान की प्रथम प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा का पुण्य स्मृति दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से भानुप्रताप सिंह मुख्य वन संरक्षक दुर्ग, सी.एल. सांगोले (ई.ई.छत्तीसगढ पुलिस हाऊसिंग डिपार्टमेंट ), शंकर अग्रवाल (समाजसेवी), ब्रह्माकुमारी रीटा बहन (संचालिका ब्रह्माकुमारीज दुर्ग ), बसंत मोदी, राजू लाल देवांगन उपस्थित थे । इस अवसर पर योग तपस्या कार्यक्रम सुबह 7 से 11 बजे तक आयोजित किया गया।
इस अवसर पर आए हुए अतिथियों के द्वारा वृक्षारोपण भी किया गया मातेश्वरी जगदंबा के जीवन वृतांत को बताते हुए ब्रह्माकुमारी रीटा बहन ने बताया कि मातेश्वरी जगदंबा का नाम राधे था संस्था में आने के बाद उनका नाम ओम राधे हुआ। सभी ब्रह्मा वत्स उन्हें प्यार से मम्मा कहते थे। मम्मा एक बहुत ही गुणवान आत्मा थीं। मम्मा यज्ञ के शुरुआती दिनों में आयीं और परमात्मा के महावाक्य सुनते ही परमात्मा की सेवा में समर्पित हो गयीं। 17 वर्ष की अल्पायु में ही मम्मा आध्यात्मिक रूप से परिपक़्व हो गयीं एवं यज्ञ की जिम्मेदारियों को अपने हांथों में ले लिया।
मम्मा ने स्पष्ट किया कि किस प्रकार निराकार परमात्मा ने दादा लेखराज को माध्यम बनाया और उनके द्वारा हमें पढ़ा रहे हैं। यह भी समझाया कि एक मनुष्यात्मा यह सत्य ज्ञान कैसे दे सकते है? परमात्मा ही आकर हमें पवित्र रहने की (मन,वचन.कर्म में) श्रीमत देते हैं। हर एक मनुष्य को अधिकार है कि वह अपने जीवन की दिशा एवं उद्देश्य स्वयं निर्धारित कर सके। इस अवसर पर बघेरा, केलाबाड़ी , सिंधिया नगर, आर्य नगर , चंदखुरी एवं आसपास के ग्रामीण अंचल के अनेक भाई बहनें इस आयोजन में उपस्थित हुए तथा ब्रह्माकुमार युगरत्न भाई ने मम्मा के विशेषताओं पर आधारित गीतों की सुमधुर प्रस्तुति दी ।