टूर के नाम पर 166 यात्रियों से 80 लाख की ठगी, आरोपी टूर कंपनी संचालक फरार

टूर के नाम पर 166 यात्रियों से 80 लाख की ठगी, आरोपी टूर कंपनी संचालक फरार
आरोपी महेंद्र मंड

इंदौर. इंदौर समेत तीन शहरों से दुबई टूर कराने के नाम पर हुए 80 लाख रुपए से ज्यादा के फर्जीवाड़े में नया खुलासा हुआ है। यह बात सामने आई कि जब ट्रिप बुक करने वाले आरोपी ने फोन बंद कर रखा है। उसके बेटे को पीड़ितों ने कॉल किया तो जवाब दे दिया कि पिता परेशान हैं, ज्यादा दबाव डाला तो वे आत्महत्या कर लेंगे। जब पीड़ितों को लग गया कि यह सब कुछ नौटंकी है तो केस दर्ज करा दिया है।

आरोपी टूर कंपनी संचालक महेंद्र सिंह मंड फरार है। बेटे शैबी से पूछताछ की तैयारी है। मामले की शिकायत तिलक नगर के राजीव जैन ने की थी। उन्होंने ही टूर का जिम्मा लिया था और लोगों से ग्रुप टूर की बुकिंग करवाई थी।


दुबई टूर का पूरा सौदा दो एजेंट्स आरोपी महेंद्र सिंह और फरियादी राजीव जैन के बीच का है। बड़े एजेंट महेंद्र सिंह ने कहा था कि दुबई के लिए प्रति व्यक्ति ​ट्रिप 80 हजार रु. की रहेगी। इसमें वीजा, आने-जाने का टिकट, रहना, खाना और घूमना शामिल रहेगा। बुकिंग के लिए 38 हजार प्रति व्यक्ति एडवांस देना तय हुआ था। लगभग 165-166 यात्रियों ने बुकिंग कराई। ​​​​​​ट्रिप रेट तय होने के बाद दुबई के लिए राजीव जैन ने कुल चार ट्रिप बुक की। इंदौर से 1, उदयपुर से 1 और अहमदाबाद से 2 ट्रिप शामिल थीं। 5-12 दिसंबर को इंदौर से 110 लोगों की, दूसरी 6-13 को अहमदाबाद से 14 और 7-14 को फिर अहमदाबाद से 20 लोगों की, और आखिरी चैथी ट्रिप उदयपुर से 30 लोगों की तय हुई। लगभग सभी ने 38 हजार के हिसाब से एडवांस दिया। इंदौर की 110 लोगों की पहली ट्रिप ले जाने की बारी आई तो महेंद्र मंड एजेंसी ने बुकिंग एजेंट जैन को बताया कि दुबई एम्बैंसी बंद है। वीजा नहीं मिल रहा है। जैन ने कहा कि ऐसा था तो पहले पता चल जाना था। ऐनवक्त पर ऐसा नहीं होता।

विवाद के बीच पहली ट्रिप कैंसिल हो गई। इसी तरह बाद की ट्रिप भी कैंसिल होते चली गई। अंततरू जब उदयपुर की आखिरी ट्रिप भी कैंसिल हुई तो जैन ने आरोपी महेंद्र मंड से रुपए वापस मांगे। आरोपी मंड ने बैंक रसीद भेज दी और कहा कि इसका रुपया जमा कराने वालों के खाते में दो लाख रुपए जमा कर दिए हैं। हालांकि वह भी फर्जी रसीद थी। 54 यात्रियों के वीजा तो आखिरकार मिल गए लेकिन आने-जाने के हिसाब से 54 लोगों के 108 टिकट पूरे नहीं दिए गए थे। 54 लोगों के बदले आने-जाने के सिर्फ 64​ टिकट एजेंसी ने अंततरू उपलब्ध कराए।

फरियादी जैन का कहना है कि लाज बचाने के लिए ऐनवक्त पर वापसी के 44 टिकिट अपने खर्च पर बनवाए। दुबई पहुंचे सभी 54 यात्रियों के सामने तब नया संकट खड़ा हो गया जब उनके नाम से होटल बुक ही नहीं थी। जानकारी दी कि वह तो पहले ही एजेंसी ने कैंसिल करा दी है। यात्रि​यों से विवाद शुरू हुआ तो एजेंट जैन ने 18 लाख रुपए परिचितों से भारत से बुलवाए। कुछ रुपए दुबई में एक कपल से भी उधार लिए। सबको ठहराया और घुमाया। करीब 38 लाख रुपए खर्च हो गया।