लड़कियों को धर्मांतरण कर नर्स की नौकरी का प्रलोभन देने वाली दो ईसाई नन 8 अगस्त तक न्यायिक रिमांड पर

लड़कियों को धर्मांतरण कर नर्स की नौकरी का प्रलोभन देने वाली दो ईसाई नन 8 अगस्त तक न्यायिक रिमांड पर

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर क्षेत्र की तीन आदिवासी लड़कियों को धर्म परिवर्तन कर नर्सिंग की ट्रेनिंग और नौकरी दिलाने का प्रलोभन देने के मामले में दो ईसाई नन – प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस को गिरफ्तार कर 8 अगस्त 2025 तक न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।

मामले की शुरुआत भिलाई निवासी रवि निगम की शिकायत से हुई, जिन्होंने जीआरपी चौकी दुर्ग में आवेदन देकर सूचना दी कि बस्तर क्षेत्र की तीन लड़कियों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण और मानव तस्करी के इरादे से दुर्ग रेलवे स्टेशन से आगरा भेजा जा रहा है। शिकायत के आधार पर थाना भिलाई, शासकीय रेल पुलिस द्वारा धारा 143 BNS और छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 1968 की धारा 4 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि आरोपियों ने लड़कियों को धर्म परिवर्तन के बदले अस्पताल में नर्स की ट्रेनिंग और नौकरी देने का वादा किया था।

गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:

  • प्रीति मैरी (नन)

  • वंदना फ्रांसिस (नन)

  • सुखमत मंडावी (स्थानीय सहयोगी)

जांच के दौरान आरोपीगण स्थानीय पंचायत या प्रशासन से संबंधित किसी वैध दस्तावेज या अनुमति पत्र प्रस्तुत नहीं कर सके। इसके अतिरिक्त, वित्तीय लेन-देन की जानकारी भी सामने आई है, जिसे विवेचना का अहम हिस्सा माना जा रहा है। न्यायालय में पेशी के बाद तीनों आरोपियों को 8 अगस्त तक के लिए न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। वहीं, प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए एक पुलिस टीम को नारायणपुर रवाना किया गया है। विवेचना सतत जारी है और पुलिस द्वारा विधि सम्मत साक्ष्य संकलन की प्रक्रिया जारी रखी गई है।