दुर्ग ब्रेकिंग: बिना प्रेक्टिकल व थ्योरी के फाइलों में तैयार किए जा रहे नर्सिंग विद्यार्थी, छात्र-छात्राओं ने मंत्री व कलेक्टर से की नर्सिंग इंस्टीट्यूट को अयोग्य घोषित कर कार्रवाई की मांग
जांच टीम आने की सूचना पर किराये पर सामान मंगवाकर रातोंरात खड़ा कर दिया जाता है सर्वसुविधायुक्त नर्सिंग इंस्टीट्यूट
जांच टीम के आने के पहले मंगवाया गया फर्नीचर
धूल पड़े प्लास्टिक के बने शरीर के अंगों को इस तरह चमकाया जाता है
जांच टीम के आने के पहले मंगवाया गया फर्नीचर
साफ सफाई करते विद्यार्थी
साफ सफाई करते विद्यार्थी
दुर्ग (सुवांकर रॉय)। नर्सिंग स्टाफ जिसे स्वास्थ्य विभाग का एक अहम हिस्सा माना जाता है। डॉक्टरों के बाद मरीजों की देखभाल करने की जिम्मेदारी नर्सिंग स्टाफ पर ही रहती है। इसलिए नर्सिंग विद्यार्थियों के प्रशिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है, नहीं तो उपचार के दौरान किसी मरीज की जान तक जा सकती है। नर्सिंग इंस्टीट्यूट के प्रबंधन की भी जिम्मेदारी होती है कि वे बेहतर प्रशिक्षण व अध्ययन के माध्यम से एक कुशल नर्सिंग विद्यार्थी तैयार करें जो भविष्य में मरीजों की देखभाल में बेहतर सेवा प्रदान करें। लेकिन नर्सिंग कॉलेज प्रबंधन द्वारा अगर अकुशल विद्यार्थियों की फौज खड़ी की जाती है तो यह सभी के लिए एक गंभीर व चिंता का विषय है। दुर्ग संभाग के एक नर्सिंग इंस्टीट्यूट में सिर्फ कागजों और फाइलों में ही नर्सिंग विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उचित सुविधाएं तथा प्रेक्ट्रिकल व थ्योरी के अभाव में अकुशल विद्यार्थी तैयार होंगे जिसके कारण मरीजों के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कहने को तो वेदांती विद्या नर्सिंग इंस्टीट्यूट बेमेतरा जिला के बेरला में स्थित है लेकिन सारा खेेल दुर्ग जिले की कुम्हारी स्थित छात्रावास से होता है। हैरानी की बात है कि नर्सिंग विद्यार्थियों के भविष्य की जा रही इस प्रकार की खिलवाड़ की जांच टीम को भनक तक नहीं है।
ऐसा ही एक मामला दुर्ग संभाग में भी सामने आया है। दुर्ग जिले की कुम्हारी तथा बेमेतरा में संचालित वेदांती विद्या नर्सिंग इंस्टीट्यूट द्वारा की जा रही फर्जीवाड़ा तथा विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की शिकायत व कार्रवाई की मांग पीडि़त नर्सिंग छात्र-छात्राओं ने स्वास्थ्य मंत्री छग शासन टीएस सिंहदेव, उच्च शिक्षा मंत्री छग शासन उमेश पटेल के नाम कलेक्टर बेमेतरा व कलेक्टर दुर्ग को ज्ञापन सौंपकर की है। साथ ही संस्था में जमा की गई मूल मार्कशिट वापस दिलाने की मांग प्रशासन से की गई है ताकि विद्यार्थी दूसरे कॉलेज में एडमिशन ले सके क्योंकि यहां छात्र-छात्राओं की भविष्य खतरे में है। कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में नर्सिंग छात्र-छात्राओं ने कहा है कि वे विद्यार्थी वेदान्ती विद्या नर्सिंग नॉलेज तिलई बैरला बेमेतरा के विद्यार्थी है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों से नर्सिंग की शिक्षा ग्रहण करने आए हैं और वेदांती विद्या नर्सिंग इंस्टीट्यूट तिलई, बैरला बेमेतरा में अपना एडमिशन कराया है।
इंस्टीट्यूट बेमेतरा के बेरला में और छात्रावास दुर्ग जिले की कुम्हारी में
महाविद्यालय में भर्ती होने के पश्चात जब शिक्षा ग्रहण करने हम सभी छात्र छात्राएं पहुंचे तो यहां पर छात्रावास में किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली। कॉलेज के निदेशक साकेत चतुर्वेदी, प्राचार्या साधना चतुर्वेदी जो कि दुर्ग जिले के कुम्हारी नगर में निवासरत है, वहाँ पर किराए के भवन में छात्रावास बनाया है और यह छात्रावास कॉलेज से लगभग 26 किलोमीटर की दूरी पर है। मतलब इंस्टीट्यूट बेमेतरा जिला के बेरला में है और छात्रावास दुर्ग जिले की कुम्हारी में। यहां शिक्षण सुविधाएं नहीं है। किसी प्रकार के प्रशिक्षित इंस्ट्रक्टर नहीं हैं और न ही टीचर है। भोजन व्यवस्था भी लचर है। विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है। डायरेक्टर साकेत चतुर्वेदी और प्राचार्या साधना चतुर्वेदी द्वारा छात्र-छात्राओं को डरा धमकाकर रखा जाता है।
जांच टीम पहुंचती है तो किराये पर लाया जाता है सारा सामान
नर्सिंग छात्र-छात्राओं ने बताया कि इंस्टीट्यूट के पास पर्याप्त ढांचा उपलब्ध नहीं है। भवन की अनुपलब्धता के बावजूद इन्होंने उच्च शिक्षा विभाग को झांसे में रखकर आयुष विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त किया हुआ है। जब प्रशासन की टीम जांच के लिए इंस्टीट्यूट पहुंचती है तो प्राचार्य और निदेशक द्वारा बाहर से टीचर्स को बुलाया जााता है। टेबल, कुर्सी, अलमारी, इंस्ट्रूमेंट आदि किराये पर लाकर रातों रात निर्माणाधीन भवन में व्यवस्थित कर दिया जाता है। इस कार्य के लिए नर्सिंग छात्र-छात्राओं को कुम्हारी से लेकर जाकर रात के 2-2 बजे तक काम कराया जाता है। काम से मना करने पर फेल कर दिये जाने का भय दिखाया जाता है। विद्यार्थियों को 4 साल में मुश्किल से एक डेढ़ महीने का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिलाया जाता है बाकी सारी प्रक्रिया रजिस्टर में फर्जी ढंग से भर दिया जाता है। परीक्षा संबंधी जानकारी भी समय पर नहीं दिया जाता है। परीक्षा प्रवेश पत्र भी समय पर नहीं दिया जाता ।
स्थानीय लोगों से सच्चाई छिपाने दूरस्थ अंचल के विद्यार्थियों को दिया जाता है एडमिशन
विद्यार्थियों ने बताया कि यहां वर्तमान में करीब 100 विद्यार्थी अध्यरनरत है। इसमें छात्राओं की संख्या ज्यादा है। कुम्हारी स्थित छात्रावास में स्थानीय विद्यार्थियों की संख्या न के बराबर है। लोगों को सच्चाई का पता न चले इसलिए दूरस्थ अंचल के विद्यार्थियों को यहां एडमिशन मिलता है। यहां जगदलपुर, बस्तर, कांकर, मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, कोरबा, अंबिकापुर, बगीचा जशपुर, राजनांदगांव, उड़ीसा, बीजापुर जैसे दूर-दूर क्षेत्रों से विद्यार्थियों को लाकर बेमेतरा बेरला स्थित इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया जाता है और कुम्हारी के होस्टल में रखा जाता है। विद्यार्थी अपनी आपबीती परिवारजनों को भी नहीं बता पा रहे है। विद्यार्थियों ने उक्त संस्था को अयोज्ञ घोषित करते हुए नर्क से निकालने की बात कलेक्टर से की है। कलेक्टर ने मामले को गंंभीरता से लेते हुए शीघ्र ही जांच की बात कही है।