चिटफंड कंपनी संचय इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के दो डायरेक्टर गिरफ्तार, 18 निवेशकों से की है 25 लाख रुपए से अधिक की ठगी
डायरेक्टर देवकांत महापात्रा एवं जुगलचरण दास वर्ष 2017 से थे फरार

दुर्ग। मोहन नगर थाना पुलिस ने अधिक ब्याज का लालच देकर 18 निवेशकों से 25 लाख से अधिक राशि जमा कराकर धोखाधड़ी करने वाले चिटफंड कंपनी संचय इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के दो फरार डायरेक्टर को भुवनेश्वर ओडिशा से गिरफ्तार किया है। डायरेक्टर देवकांत महापात्रा एवं जुगलचरण दास वर्ष 2017 से फरार थे। चिटफंड कंपनी के विरूद्ध पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज दुर्ग द्वारा टेक्निकल सर्विलेंस एवं बैंक एकाउंट की स्क्रुटनी करने निर्देश दिए थे। पूर्व में प्रकरण के दो आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक रिमाण्ड पर भेज दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार चिटफंड कंपनियों में निवेश किये गये राशि को चिटफंड कंपनी एवं उनके डायरेक्टरो को गिरफ्तार कर उनके चल अचल संपत्ति की कुर्की कर राशि वापस निवेशकों को वापस किये जाने हेतु रामगोपाल गर्ग पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज दुर्ग के टेक्निकल सर्विलेंस एवं बैंक एकाउंट की जांच पडताल करने तथा जितेन्द्र शुक्ला (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक महोदय दुर्ग के मार्गदर्शन पर अति. पुलिस अधीक्षक महोदय (शहर) सुखनंदन राठौर (रापुसे), चिराग जैन (भा0पु0से0) नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग, अजय सिंह उप पुलिस अधीक्षक क्राईम के दिशा निर्देश में थाना प्रभारी शिव प्रसाद चन्द्रा थाना मोहन नगर जिला दुर्ग के नेतृत्व में अभियान चलाया जा रहा है।
इसी क्रम में थाना मोहन नगर के अपराध क्रमांक 318/2017 धारा-420, 34 भादवि, छ.ग. के निक्षेपको के हितो का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 एवं 3, 4, 5 धन परिचालन अधिनियम अंतर्गत चिटफंड कंपनी संचय इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के डायरेक्टरो द्वारा जिले के 18 निवेशको से अधिक ब्याज का लालच देकर राशि जमा कराकर लगभग 25,00000 रू. से अधिक राशि धोखाधडी किया गया था। प्रकरण में पूर्व में डायरेक्टर प्रवीण मोहंती एवं अरविन्द मिश्रा को भुनेश्वर उडिसा से गिरफ्तार किया गया था। प्रकरण के 04 आरोपी फरार थे जिनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष रूप से टीम गठीत कर भुवनेश्वर ओडिशा रवाना किया गया था। ओडिशा पहुंचकर पुलिस टीम के द्वारा लगातार 03 दिनो तक फरार डायरेक्टर देवकांत महापात्रा एवं जुगलचरण दास के घर की गोपनीय तरीके से की जा रही थी तथा तकनीकी टीम के द्वारा आरोपियों की लगातार निगरानी आरोपियों को पकड़ा गया।