शिक्षा के द्वारा ही विकसित हो पाएगा समाज
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दुर्ग। श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था द्वारा कचारगढ़, गोंदिया में आयोजित देव जात्रा, पेन सम्मलेन एवं सांस्कृतिक, पारम्परिक महोत्सव के अंतर्गत भव्य एवं गरिमामय विमोचन समारोह में अगासदिया प्रकाशन, दुर्ग की विशेष प्रस्तुति क्रांतिकारी आदिवासी अग्रदूत हीरा सिंह देव उर्फ कंगला मांझी द्वारा गोंडी एवं हिंदी में लिखित बेहद चर्चित व शोध के लिए उपयोगी ग्रंथ 'भारत भूमिका' का विमोचन किया गया।
इसके संपादक छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.परदेशी राम वर्मा हैं। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राजमाता श्रीमती फुलवा देवी कांगे जी एवं अध्यक्ष डॉ.वर्मा थे। मुख्य अतिथि राजमाता ने अपने उद्बोधन में कहा कि कंगला माझी जी की इच्छा थी कि गोंड आदिवासी शिक्षित हो। शिक्षा के द्वारा ही पूरा समाज विकसित हो पाएगा। कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. परदेसी राम वर्मा ने बताया कि कंगला माझी ने आदिवासी प्रकृति के अनुरूप संगठन को नया आयाम दिया। आत्माभिमान जगाने के लिए इतिहास के परिपेक्ष में आदिवासी समाज को बताया कि वह कितने सक्षम है, उनका वैभवशाली भूतकाल था। संगठित होकर हम पुनः वैभव को प्राप्त कर सकते हैं। हमें मानव समाज की रक्षा के लिए मर मिटना होगा। उन्होंने बताया कि भारत भूमिका किताब पहली बार हिंदी और गोंडी भाषा में आई है जो अपने आप में अभिनव कार्य है।
कार्यक्रम में साहित्यकार बद्री प्रसाद पारकर, समाजसेवी मुनीलाल निषाद, शिक्षाविद डॉ. रजनी नेल्सन, कुम्भदेव कांगे, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कंगला माझी संस्था, डॉ.सोनाली चक्रवर्ती, अध्यक्ष स्वयंसिद्धा, भिलाई, दुर्गाबाई तिदाले, सदस्य जिला पंचायत, गोंदिया पूजा बाई बरकडे, सरपंच, कोसमतरा, सुनीता थेर, सामाजिक कार्यकर्ता, आर.एस.उइके महासचिव, मांझी सरकार, सुश्री राजकुमारी कांगे, कानूनी सलाहकार, मांझी सरकार, सुश्री शशि कला सलाम, श्री राम सोरी, प्रांत अध्यक्ष, सुमन लाल उइके, कार्यकारी अध्यक्ष, इंदर सिंह बरने, प्रान्त अध्यक्ष उपस्थित थे।