फर्जी भुगतान के मामले में तकनीकी सहायक बर्खास्त, काम हुआ नहीं और कर दिया फर्जी मूल्यांकन
कोरबा। मनरेगा में भ्रष्टाचार के मामले में पहली बार बड़ी कार्रवाई की गई है। जिला पंचायत सीईओ नूतन कुमार कंवर ने पाली ब्लॉक के ग्राम पंचायत पर सदा में बिना निर्माण कार्य कराए मूल्यांकन करने और फर्जी मस्टररोल से भुगतान करने के मामले में तकनीकी सहायक पूर्णिमा कंवर को बर्खास्त कर दिया है।
परसदा पंचायत में ग्राम सभा के दौरान मैट राजकुमार कंवर ने 17 नवंबर 21 से शिकायत की थी कि नीलगिरी नया तालाब निर्माण बाबापुति तालाब निर्माण कार्य में मृत लोगों के नाम पर फर्जी मस्टररोल भरकर राशि निकाली गई है। मामले में जनपद सीईओ वीके राठौर, आरईएस के एसडीओ एमएस कंवर, मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी सुरेश यादव को जांच का जिम्मा सौंपा गया। टीम ने जांच में शिकायत सही मिली। यही नहीं जांच में यह भी तथ्य सामने आया कि बिना काम कराए ही तकनीकी सहायक पूर्णिमा कंवर ने मूल्यांकन का कार्य कर दिया है। तकनीकी सहायक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। तकनीकी सहायक ने अपने जवाब में बताया कि रोजगार सहायक ने मस्टररोल में फर्जी नाम डालकर राशि निकाली थी। इसकी जानकारी उसे नहीं है। मूल्यांकन सही तरीके से हुआ था। इसी में मामला पकड़ा गया। जब कार्य ही नहीं हुआ था तो फिर मूल्यांकन कैसे हो गया।
सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक से हो चुकी वसूली
बिना काम कराए फर्जी मस्टररोल से 1 लाख 21 हजार 980 रुपए निकाली गई थी। मामले में सरपंच बालाराम आर्मो, सचिव महेश कुमार मरकाम, रोजगार सहायक लवकुश जायसवाल और तकनीकी सहायक पूर्णिमा कंवर से वसूली पहले ही कर ली गई है। सचिव और रोजगार सहायक के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है।