पश्चिम बंगाल में हटा द केरल स्टोरी से बैन
तमिलनाडु में फिल्म देखने जाने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित के दिए निर्देश
नई दिल्ली (एजेंसी)। अदा शर्मा स्टारर फिल्म द केरल स्टोरी लंबे समय से चर्चा में बनी हुई थी। छोटे बजट की इस फिल्म को एक ओर जहां दर्शकों से तगड़ा रिस्पॉन्स मिल रहा था तो फिल्म को लेकर राजनीति भी देखने को मिल रही थी। द केरल स्टोरी को पश्चिम बंगाल में बैन कर दिया था और मामला कोर्ट तक पहुंच गया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 'द केरल स्टोरी' के प्रदर्शन पर प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को सुनवाई के दौरान हटाने का आदेश दिया।
एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल से बैन हटाने की बात कही है तो दूसरी ओर तमिलनाडु से फिल्म देखने जाने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। थियेटर मालिकों ने सुरक्षा चिंताओं के कारण फिल्म का प्रदर्शन रोकने का फैसला किया था। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 'द केरल स्टोरी' के निर्माता से 20 मई को शाम पांच बजे तक फिल्म में 32,000 हिंदू एवं ईसाई महिलाओं के इस्लाम में धर्मांतरण के दावों पर 'डिस्क्लेमर' देने को कहा। शीर्ष अदालत के अनुसार डिस्क्लेमर में यह कहा जाना चाहिए कि धर्मांतरण के आंकड़े पर सुझाव का समर्थन करने के लिए कोई प्रमाणित आंकड़ा नहीं है और फिल्म काल्पनिक संस्करण का प्रतिनिधित्व करती है। न्यायालय ने साथ ही कहा कि फिल्म को मिले प्रमाण-पत्र को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्णय के लिए कार्यवाही से पहले वह 'द केरल स्टोरी' देखना चाहेगा। पीठ फिल्म को सीबीएफसी प्रमाणपत्र दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई करेगी। पीठ में न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला भी शामिल हैं। पीठ ने इन दलीलों का भी संज्ञान लिया कि तमिलनाडु में फिल्म पर कोई प्रतिबंध नहीं है और राज्य सरकार से फिल्म देखने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। न्यायालय ने कहा कि कानून का इस्तेमाल सार्वजनिक असहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा सकता है। पीठ ने कहा, खराब फिल्में बॉक्स आॅफिस पर नहीं चलती हैं।