कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के 32 साल बाद सुप्रीम कोर्ट से न्याय की गुहार
यासीन-बिट्टा कराटे पर केस चलाने की मांग
नई दिल्ली । कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के 32 साल बाद एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई है। कश्मीरी पंडितों के एक संगठन ने 1989-90 के दौरान कश्मीरी पंडितों की कथित सामूहिक हत्याओं और नरसंहार की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव पिटिशन दायर की है।
यह याचिका रूट्स इन कश्मीर नामक संगठन ने दायर की है। कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) के इस संगठन ने टॉप कोर्ट से फिर से मामले की जांच की गुहार लगाई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीरी पंडितों की मौत के मामले में दाखिल अर्जी 2017 में खारिज कर दी थी। उस समय कोर्ट ने कहा था कि मामले में 27 साल बाद सबूत नहीं हैं।
हाल ही सिनेमाघरों में रिलीज हुई विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) के बाद से एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों को न्याय दिलाने की चौतरफा मांग हो रही है।
इसी क्रम में रूट्स इन कश्मीर द्वारा दायर याचिका में कहा गया है, "मामले में देरी के आधार पर केस खारिज किया जाना गलत है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि मामले को दोबारा खोला जाए और देरी के आधार पर अर्जी खारिज किया जाना मुख्य आधार है और यह आधार गलत है। इसे कानून के नजर में दोषपूर्ण कहा गया है।"