एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के प्रत्याशी आत्माराम साहू ने दुर्ग शहर के लिए नामांकन किए जमा
दुर्ग। शुक्रवार को एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के प्रत्याशी आत्माराम साहू ने दुर्ग कलेक्टर कार्यालय में दुर्ग शहर के लिए अपनी दावेदारी का नामांकन जमा किया। इस दौरान बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता समेत उनके समर्थक उपस्थित थे।
नया राज्य बनने के बाद, कांग्रेस की सरकार उसके बाद 15 साल भाजपा और फिर अभी के 5 साल के कांग्रेस सरकार के शासन के दौरान आम जनता, मजदूर, किसान, खेत मजदूर, शोषित- पीड़ित- गरीब जनता अर्थात मेहनतकश वर्ग की स्थिति और खराब हुई है। गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, भुखमरी आदि समस्याएं पहले से बहुत बढ़ गई है। प्रतिवर्ष लाखों लोग यहां से दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर है। दूसरी ओर पूंजीपतियों की संपत्ति कई हजार और लाख गुना बढ़ी है। इनके अलावा कांग्रेस भाजपा सहित अन्य पूंजीवादी पाटिर्यों के तमाम विधायकों, मंत्रियों एवं नेताओं की संपत्ति भी कई गुना बढ़ी है। राज्य के खनिज संसाधनों को दोनों पाटिर्यों मिलकर अडानी अंबानी टाटा बिड़ला एवं अन्य एकाधिकारी पूंजीपतियों को कौड़ियों के भाव सौंप रहे हैं।
सार्वजनिक उद्योगों जैसे भिलाई स्टील प्लांट, बीएसएनल, रेलवे, कोल कम्पनियां, एलआईसी आदि का तेजी से निजीकरण चल रहा है। स्थाई कमर्चारियों की संख्या में भारी गिरावट आ गई है। ठेका कमर्चारियों की संख्या 60% से अधिक हो गई है। निजी उद्योगों व विभिन्न तरह के अन्य संस्थानों में कार्यरत मजदूरों की स्थिति और भी खराब है। राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन पहले ही बहुत कम है और यह भी लगभग किसी क्षेत्र में लागू नहीं किया जाता है। किसानों की भी आर्थिक हालत खराब है। राज्य सरकार कहती है कि वह धान खरीद रही है। लेकिन सच्चाई यह है कि सिर्फ खरीफ की धान का लगभग आधा खरीदती है। खरीफ की सारी फसलें एवं धान सहित रबी की सारी फसलें किसानों को औने पौने दामों पर व्यापारियों को बेचना होता है। सिंचाई के लिए नहरों व अन्य साधनों का नितांत अभाव है। दूसरी ओर खाद, बीज, कीटनाशक, डीजल एवं कृषि यंत्रों की कीमतों में हर साल बढ़ोतरी हो रही है। खेती किसानी घाटे का सौदा थी और अभी भी है। अत: किसान कर्ज के बोझ के तले दब रहा है, उसकी खेती बिक रही है? तथा वह आत्महत्या करने को मजबूर है। राज्य में युवा बेरोजगार नौकरी के लिए मारे-मारे घूम रहे हैं। हाल ही में विधानसभा में सरकार के बताए अनुसार वतर्मान में शिक्षकों के 56232 पद खाली है और सरकारी कॉलेजों में 2429 पद खाली है। इस प्रकार स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों को मिलाकर लाखों पद खाली है। कई प्रतियोगी परीक्षाओं के रिजल्ट रोक दिए गए हैं। गांव में तेजी से रोजगार घट रहे हैं। मनरेगा में औसतन 40 से कम दिनों का रोजगार मिल रहा है। सरकारी शिक्षा के हाल बदतर है। गरीबी के कारण हजारों बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं। जो पढ़ रहे हैं उनकी स्थिति बहुत खराब है। एक सर्वे के अनुसार राज्य में पांचवी के 48% बच्चे कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ सकते। सरकारी कॉलेजों की संख्या बहुत कम है। शिक्षा का चौतरफा निजीकरण चल रहा है और यह महंगी होती जा रही है। राज्य के संविदा कमर्चारी, निगम सफाई कमर्चारी, रसोईया, स्कूल सफाई कमर्चारी, मितानिनें, आंगनबाड़ी कमिर्यों, दैनिक वेतन भोगी, अतिथि शिक्षक, पंचायत सचिव, बिहान कैडर, महिला पुलिस स्वयंसेविकाएं आदि की मांगे और वादे पूरे नहीं किए गए। इनके आंदोलन की आवाज को अनदेखा कर दिया गया।
महिलाओं पर होने वाले बलात्कार एवं अपराध की संख्या बढ़ रही है। राज्य में 3 साल में 59000 महिलाओं और लड़कियां लापता बताई गई हैं। राज्य को शराब एवं अन्य नशे की दलदल में फंसा दिया गया है। वृद्धावस्था, विधवा एवं निराश्रित महिलाओं की पेंशन राशि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। सरकारी क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी खराब है। इसके निजीकरण ने आम जनता का जीवन दयनीय कर दिया है। भाजपा शासन के दौरान इनके नेताओं के आशीर्वाद से खुली चिटफंड कंपनियों ने राज्य की गरीब जनता से हजारों करोड़ रुपए लूट लिए। कांग्रेस ने इन रूपयों को वापस करने का चुनावी वादा किया जो एक जुमला साबित हो गया। राज्य का पूरा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम निजी हाथों में है। आम जनता को आवागमन में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं कोरोना के बाद से केंद्र सरकार के द्वारा लगातार पैसेंजर ट्रेनों व लोकल ट्रेनों को बंद करना, कम करना और लेट लतीफी के कारण रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी आम जनता के लिए बेमतलब का हो गया है। राज्य के गरीब लोगों की 50-50 साल पुरानी बस्तियों को बुलडोजर से ढहाया जा रहा है। राज्य में भ्रष्टाचार पहले की भाजपा सरकार की तरह ही निर्बाध जारी है। इधर बिजली के निजीकरण की तैयारी चालू है। राज्य में प्रीपेड मीटर लगाने की आदेश जारी हो चुके हैं जिससे आम जनता के लिए बिजली चलाना मुश्किल हो जाएगा।
हमारी पार्टी एस यू सी आई (कम्युनिस्ट) जनता के वास्तविक मुद्दों, न्याय और अधिकार की लड़ाई के लिए मैदान में उतरकर आंदोलन कर रही है। इसी आवाज को विधानसभा में उठाने के हमारी पार्टी ने दुर्ग विधानसभा से युवा नेता कॉ आत्माराम साहू इस चुनाव में उतारा है। वे जन आंदोलन के देखे परखे, कर्मठ, शिक्षित, ईमानदार और जनता के लिए समर्पित उम्मीदवार हैं। अपने कॉलेज के समय से ही छात्र हित उन्होंने कई आंदोलनों को संगठित किया है। कॉलेज के समय में साइंस कॉलेज दुर्ग में बेतहाशा फीस वृध्दि के खिलाफ, आजाद हॉस्टल को खुलवाने, छात्रावास खुलवाने, अंग्रेजी माध्यम की सरकारी स्कूल खोलने की मांग, युवाओं के लिए राज्य में रिक्त पड़े लाखों पदों में भर्ती करने, भर्ती प्रक्रियाओं को अविलंब पूरा करने, भर्ती प्रक्रिया में बेतहाशा फीस वसूली के खिलाफ, इसके अलावा दुर्ग शहर के विभिन्न मोहल्ले में पानी, नाली, सड़क, बिजली की समस्याओं के खिलाफ, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन निराश्रित पेंशन की मांग को लेकर, किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, तमाम कृषि उपज को सरकार द्वारा खरीदने, खाद बीज कीटनाशक एवं कृषि औजारों का दाम कम करने की मांग को लेकर एवं मजदूरों की समस्याओं को लेकर को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे है और कई समस्याएं हल करवाई है। वे आम जनता मजदूर वर्ग शोषित पीड़ित गरीब जनता किसान खेत मजदूरों बेरोजगार युवाओं एवं ठेका मजदूर के मुद्दों को लगातार उठा रहे हैं।
यह जानकारी विश्वजीत हारोडे (सचिव - राज्य संगठन समिति छत्तीसगढ़) ने दी है।