दुर्ग जिले में पैर पसारने लगे हैं अपराध, महिला पुलिस स्वयंसेविकाओं ने संभागायुक्त को ज्ञापन सौंप की पुन: बहाली की मांग
केन्द्र की योजना चेतना-महिला पुलिस स्वयं सेविका/ वालंटियर को दुर्ग जिले में बिना कोई सूचना के कर दिया गया है बंद
भिलाई। वर्तमान में दुर्ग जिले में लगातार अपराध बढ़ता जा रहा है। निजी, सामाजिक एवं पाक्सो सहित नशा आदि संबंधी अपराध पुन: अपना पैर पसारने लगे हैं। केन्द्र सरकार द्वारा सन् 2016 को लागू किया गया था। दुर्ग जिले में इस योजना को बिना कोई सूचना के बंद कर दिया गया। इससे कई महिलाएं प्रभावित हुई। साथ ही समाज में एकाएक अपराध भी बढ़ता चला गया। आज मंगलवार को महिला स्वयंसेविका कल्याण समिति के बैनर तले चेतना-महिला पुलिस स्वयं सेविका/वालंटियर को कलेक्टर दर पर वेतनमान देने तथा स्थायी बहाली के लिए दुर्ग संभाग आयुक्त महादेव कावरे को ज्ञापन सौंपा गया।
महिलाओं ने ज्ञापन के माध्यम से संभाग आयुक्त दुर्ग महादेव कावरे को कहा कि महिला विकास और सशक्तिकरण तथा महिला संबंधी निजी एवं सामाजिक स्तर पर अपराधों में कमी लाने के लिए चेतना-महिला पुलिस स्वयं सेविका/ वालंटियर का गठन सन् 2016 में केन्द्रीय योजना निर्भया हत्याकांड पश्चात 2016 को भारत के विभिन्न राज्यों में किया गया था। सन् 2018 में जिला दुर्ग में 2400 के लगभग और कोरिया जिला में लगभग 2300 योग्यता अनुसार महिलाओं की नियुक्ति वार्ड स्तर पर प्रत्येक ग्राम और नगरीय निकाय में की गई थी। अपै्रल 2022 में इस केन्द्रीय योजना को बिना कोई सूचना के बंद कर दिया गया। इसके विरोध में 30 जून 2023 से मानस भवन के सामने दुर्ग में महिला स्वयंसेविका कल्याण समिति दुर्ग के तत्वावधान में अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग तथा पुलिस विभाग द्वारा दिए गए विभिन्न आदेशानुसार समस्त थाना एवं चौकी की समस्त चेतना-महिला पुलिस स्वयं सेविका/वालंटियर अपनी निस्वार्थ, मानवतापूर्ण सेवाएं देती रही है। महिलाओं ने संभाग आयुक्त से शीघ्र स्थायी नियुक्ति तथा कलेक्टर दर पर वेतनमान देने की मांग की है।
ज्ञापन सौंपने वालों में महिला स्वयंसेविका कल्याण समिति की अध्यक्ष तोहिमा बंजारे, सचिव संतोषी गायकवाड़, कोषाध्यक्ष करूणा दिवाकर सहित समस्त चेतना महिला पुलिस जिला दुर्ग एवं जिला कोरिया की धारिणी देवांगन, देवकी धनकर, शशिकला वर्मा, गीता चन्द्राकर, उर्वशी बंछोर, योगेश्वरी चन्द्राकर, रामहीन यादव, शीला मानिकपुरी, ओमकेश्वरी वर्मा, मंजूलता वर्मा, कुलेश्वरी देशलहरे, लता चन्द्राकर, धनेश्वरी साहू, ममता वर्मा, आशा बाई कुर्रे, हेमकल्याणी वर्मा, प्रेमलता देवांगन, भगवंतीन यदु, रेशमा साहू आदि शामिल थीं।