भिलाई में 17.74 करोड़ रुपए की लागत से नाला निर्माण कार्य पर संगठन ने उठाए सवाल, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई और भुगतान रोकने की मांग

भिलाई में 17.74 करोड़ रुपए की लागत से नाला निर्माण कार्य पर संगठन ने उठाए सवाल, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई और भुगतान रोकने की मांग

भिलाई। 17 करोड़ 74 लाख रुपए की लागत से भिलाई नगर निगम क्षेत्र में प्रियदर्शनी परिसर से लेकर राधिका नगर होते हुए जुनवानी नाला से कोहका  जेवरा सिरसा रोड तक नाला का निर्माण होना था। स्थानीय जनप्रतिनिधि के निष्क्रियता के कारण निर्माण कार्य अन्य स्थान पर किया जा रहा है जो जांच का विषय है। युवा शक्ति संगठन के अध्यक्ष मदन सेन ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई तथा भुगतान रोकने की मांग की है।

ज्ञात हो कि नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत वार्ड क्रमांक 3 व 4 वर्तमान वार्ड 5 व 7 कोसा नगर, राधिका नगर के मध्य नाला का दोनो तरफ रिटर्निग वाल सौंदर्यीकरण कार्य कराए जाना उल्लेखित है। नाला आवासी क्षेत्र कोसा नगर राधिका नगर एवं मॉडल टाउन क्षेत्रों से होकर गुजरता है जिसमें रिटर्निंग वॉल निर्माण कार्य किया जाना था। कोसानाला क्षेत्र के आसपास डुबान क्षेत्र होने के कारण वर्षा ऋतु में आस पास के कालोनी में जल भराव की स्थिति निर्मित होती है। उक्त कार्य हेतु शासन द्वारा  राशि 17 करोड़ 74 हजार रुपए की स्वीकृति दिनांक 25/01/2019 को छत्तीसगढ़ शासन नगरी प्रशासन एवं विकास मंत्रालय महानदी रायपुर अटल नगर आदेश क्रमांक 8255 प्रशासकीय स्वीकृति बिंदुओं निर्धारित अधीन प्रदान की गई।

उल्लेखित अनुसार विभाग जावक 434 सी एन 46-00413 बजट दिनांक 30/07/2019 को स्वीकृति प्रदान की गई जिसे 18 माह में कार्य पूर्ण किया जाना था जो आज पर्यंत नाला का कार्य अपूर्ण स्थिति में है। क्योंकि जब कार्य प्रारंभ किया गया तो जुनवानी नाला के आगे श्मशान घाट से प्रारंभ किया गया जो किसी फार्म हाउस को फायदा पहुंचाना था। दूसरी बार कार्य को प्रियदर्शनी परिसर से प्रारंभ किया गया जिसे कोसा नाला के आस पास तक ही कार्य किया गया। इसके पश्चात निर्धारित कार्य आदेश पर आज पर्यंत किसी भी प्रकार की कार्य नहीं हो पाया जो अभी भी 60% कार्य शेष बचा हुआ है। इस प्रकार कार्य को अधूरा छोड़ा जाना जनहित में नहीं है, जिसके कारण डुबान क्षेत्र में पुनः इस बार जल भराव की स्थिति निर्मित हो रही है। इसका खामियाजा स्थानीय रहवासियों को भुगतना पड़ रहा है।