भाषा, राष्ट्र और नारी सम्मान के बनेंगे रक्षा दूत - डॉ. सोनाली चक्रवर्ती
भिलाई। "हम जब भी बात करेंगे हमारी भाषा संयमित, सुसंस्कृत, सभ्य और भद्र होगी। गालियों में बात करने वालों को हम रोकेंगे, टोकेंगे, उन्हें मना करेंगे I हमारी वजह से किसी भी नारी का सम्मान आहत न हो इस बात का हम विशेष ध्यान रखेंगे"। यह दृश्य था स्वामी आत्मानंद विद्यालय सेक्टर 6 का जब 500 बच्चे अपने दिल पर मुट्ठी रखकर यह संकल्प ले रहे थे तो हाल के वातावरण में जोश था। यह मौका था स्वयंसिद्धा के प्रोजेक्ट जागृति के श्री गणेश का।
मोटिवेटर डॉ. सोनाली चक्रवर्ती ने बताया कि पहले के लोगों में भाषा का संयम था। जब घरों में एक भी खराब शब्द की अनुमति नहीं थी। ओटीटी के चलते घरों के अंदर गालियां गूंजने लगी जिसका अर्थ जाने बगैर छोटे बच्चे उनका प्रयोग करने लगे जिससे उनकी सोच बिगड़ती है और व्यक्तित्व विकास में बाधा बनती है।
कार्यक्रम में स्कूल की प्रिंसिपल दलजीत कोराडा, हेडमिस्ट्रेस मिडिल स्कूल काजल भल्ला, हेडमिस्ट्रेस प्राइमरी स्कूल प्रियंका पुरी, वरिष्ठ शिक्षक इंदु साहू,अतिरेक अग्रवाल, रचना साहू, सौरभ दिल्लीवार, आराधना तीतुश,सौरभ साहू, कल्पना अग्रवाल, सुखलीन कौर, मीना गोस्वामी, स्टैंसी जॉनसेन उपस्थित थे। विशेष सहयोग संदीप चक्रवर्ती एवं शिल्पी शर्मा का रहा I