बजट छत्तीसगढ़:  1 लाख 47 हजार 500 करोड़ का बजट पेश, पहली बजट में क्या - क्या मिली सौगातें?

बजट छत्तीसगढ़:  1 लाख 47 हजार 500 करोड़ का बजट पेश, पहली बजट में क्या - क्या मिली सौगातें?

रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार का पहला बजट ऐतिहासिक रूप से चिर स्मरणीय रहा । वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ के इतिहास का पहला डिजिटल  पेपर लेस बजट  पेश किया। इसके साथ ही बजट का ब्रीफकेस में भी छत्तीसगढ़ की लोक कला, लोक संस्कृति, युवा, महिला और किसान एवं आधुनिकता के समावेश को दर्शाया गया. आइए जानते है की से सरकार की पहली बजट में प्रदेशवासियों को क्या - क्या सौगातें मिली।
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने शुक्रवार को विधानसभा में एक लाख 47 हजार 500 करोड़ का बजट पेश किया। बजट का थीम अमृतकाल की नींव और GREAT CG पर है। सरकार ने छत्तीसगढ़ को 2047 तक विकासशील से विकसित राज्य बनाने के लिए विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने का ऐलान किया है। जिसे नाम दिया गया है 'अमृत काल- छत्तीसगढ़ विजन एट 2047। साय सरकार के पहले बजट में राज्य की GDP को 5 लाख करोड़ से अगले 5 साल में 10 लाख करोड़ तक ले जाने का टारगेट रखा गया है। वर्ष 2024-25 के लिए कोई कर प्रस्ताव नहीं है और मौजूदा कर दरों में कोई वृद्धि नहीं की गयी है।  वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बड़ी घोषणाएं की है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, यह बजट गरीब , युवा , अन्नदाता और नारी (ज्ञान) की समृद्धि के साथ पूंजीगत व्यय बढ़ाकर अधोसंरना विकास को प्रोत्साहित करने और राज्य के युवाओं के लिए रोजगार और आजीविका को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

10 मौलिक रणनीतिक स्तंभों का मसौदा तैयार

  1. GYAN : हमारे आर्थिक विकास के केन्द्र बिन्दु
  2. तकनीक आधारित रिफार्म और सुशासन से तीव्र आर्थिक विकास
  3. तमाम चुनौतियों के बीच अधिकाधिक पूंजीगत व्यय सुनिश्चित करना
  4. प्राकृतिक संसाधनों का उचित इस्तेमाल
  5. अर्थव्यवस्था के सेवा क्षेत्र की नयी संभावनाओं पर जोर
  6. सरकार की सारी क्षमताओं के अतिरिक्त निजी निवेश भी सुनिश्चित करना
  7. बस्तर-सरगुजा की ओर भी देखो
  8. डिसेंट्रेलाइज्ड डेवलपमेंट पाकेट्स
  9. छत्तीसगढ़ी संस्कृति का विकास
  10.  क्रियान्वयन का महत्व

राजकोषीय स्थिति

राज्य के राजस्व में वृद्धि के लिए किए गए सकारात्मक प्रयासों के परिणामस्वरूप, नए कर लगाए बिना या कर की दरों में वृद्धि किए बिना राज्य के स्वयं के राजस्व में 22 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2024-25 में राज्य का सकल राजकोषीय घाटा रु. 19,696 करोड़ (भारत सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय के लिए 3,400 करोड़ रुपये की विशेष सहायता सहित)। अत: राज्य का शुद्ध राजकोषीय घाटा 16,296 करोड़ रु. होने का अनुमान है. जो जीएसडीपी का 2.90% है । यह एफआरबीएम अधिनियम में निर्धारित 3 प्रतिशत की सीमा के भीतर है।
वर्ष 2023-24 में कुल राजस्व आधिक्य 1,060 करोड़ रुपये अनुमानित है। छत्तीसगढ़ उन प्रगतिशील राज्यों में से है जो राजस्व आधिक्य की स्थिति बनाए है।
पूंजीगत व्यय लगभग रु. 22,300 करोड़ , जो कुल बजट का 15% और वित्त वर्ष 2023-24 से 20% अधिक है। यह पिछले 5 वर्षों के औसत पूंजीगत व्यय 12% से अधिक है।
भारत के साथ प्रमुख राजकोषीय संकेतकों की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि की तुलना

मोदी की गारंटी

  • छत्तीसगढ़ के लिए मोदी की गारंटी " के वादों को पूरा करने के लिए समर्पित है
  •  प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख घरों के निर्माण के लिए वर्ष 2024-25 8,369 करोड़ रुपये का प्रावधान। वर्ष 2023-24 द्वितीय अनुपूरक में 3,799 करोड़ रुपये ।
  • महिलाओं को पोषित, सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महतारी वंदन योजना के तहत प्रति वर्ष 12,000 रुपये सहायता का प्रावधान ।
  •  कृषक उन्नति योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये इससे 24.72 लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा। गत वर्ष की तुलना में 02 लाख 30 हजार अधिक किसान लाभान्वित होंगे ।
  • ग्रामीण घरों को नल से जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत 4,500 करोड़ रुपये का प्रावधान ।
  • तेंदूपत्ता संग्राहकों को गत वर्ष 4000 प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5,500 रु प्रति मानक बोरा भुगतान
    दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत भूमिहीन मजदूरों को गत वर्ष 7000 प्रति वर्ष से बढ़ाकर 10,000 रुपये वार्षिक भुगतान के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान ।
  • प्रदेशवासियों के लिए श्री रामलला दर्शन के लिए 35 करोड़ रुपये का प्रावधान ।
  •  युवा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना के क्रियान्वयन का प्रावधान ।
  • राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) के विकास हेतु विस्तृत योजना बनाने का प्रावधान ।
  • इन्वेस्ट छत्तीसगढ़ के आयोजन के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान ।
  • राज्य के 5 शक्तिपीठों के विकास की विस्तृत योजना बनाने हेतु 5 करोड़ रुपये का प्रावधान।   

आईटी आधारित सुधारों पर ध्यान दें

  • प्रशासनिक कार्यों को मजबूत करने और सभी स्तरों पर पारदर्शिता लाने के लिए सभी प्रशासनिक
  • विभागों के लिए राज्य मुख्यालय से ग्राम पंचायत स्तर तक उन्नत डिजिटल तकनीकों और आईटी
  • इनेबल्ड सेवाओं (आईटीईएस) पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 266 करोड़ रुपये का प्रावधान.
  • भारत नेट परियोजना के लिए 66 करोड़ रुपये का प्रावधान.
  • पीएम वाणी प्रोजेक्ट के लिए 37 करोड़ रुपये का प्रावधान.
  • एकीकृत ई-प्रोक्योरमेंट परियोजना के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधान.
  • अटल डैशबोर्ड के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान
  • जीएसटी विभाग द्वारा बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट का विकास , स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग द्वारा
  • एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर , आबकारी विभाग द्वारा सॉफ्टवेयर, खनन विभाग द्वारा खनिज
  • ऑनलाइन 2.0 , जल संसाधन विभाग द्वारा राज्य जल सूचना केंद्र , वित्त विभाग द्वारा आईएफएमआईएस 2.0 का विकास

विकेंद्रीकृत विकास प्रक्रिया
 

  • विकेंद्रीकृत विकास प्रक्रिया

 

  1. विश्व स्तरीय आईटी क्षेत्रविवाहशिक्षा और स्वास्थ्य डेस्टीनेशन के लिए रायपुर-भिलाई क्षेत्र के आसपास राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआरका विकास ।
  2. नवा रायपुर में लाईवलीहुड सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना
  3. भिलाई में उद्यमिता केंद्र  की स्थापना
  4. राज्य में स्टार्ट अप संस्कृति और अन्य आईटी सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट अप इन्क्यूबेशन सेंटर और आईटी पार्क बनाया जाएगा।
  5. नवा रायपुर में आईटी उद्योग के विकास और आईटी रोजगार सृजन के लिए " प्लग एंड प्ले मॉडल "
  6. रायपुरनवा रायपुरबिलासपुरदुर्गभिलाईअंबिकापुर , जगदलपुर , कोरबा और रायगढ़ आदि शहरों को " ग्रोथ इंजन के रूप में विकसित करने पर ध्यान दें।
  7. कोरबा , जांजगीर , रायगढ़ , उरला , सिलतरा आदि जैसे समृद्ध उद्योग क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए उद्योग नीति का प्रारूप तैयार किया जाएगा।
  8. कृषि एवं ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान एवं प्रोत्साहन दिया जाएगा।
  • प्रमुख योजनाएँ
  1. छोटे और मध्यम किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने एवं आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए कृषक उन्नति योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान.
  2. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीणके लिए 8,369 करोड़ रुपये रुपये का प्रावधान.
  3. जल जीवन मिशन के लिए 4,500 करोड़ रुपये का प्रावधान.
  4. हायर सेकेंडरी स्कूल के विकास और रखरखाव के लिए 3,952 करोड़ रुपये का प्रावधान.
  5. एचपी कृषि पंपों के लिए मुफ्त बिजली आपूर्ति के लिए 3,500 करोड़ रुपये रुपये का प्रावधान.
  6. 3,400 करोड़ के लिएमुख्यमंत्री खड्याण _सहायता योजना रुपये का प्रावधान.
  7. राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महतारी वंदन योजना के लिए 3000 करोड़ रुपये का प्रावधान.
  8. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 841 करोड़ रुपये का प्रावधान.
  9. अमृत मिशन योजना के लिए 700 करोड़ रुपये का प्रावधान.
  10. केन्द्रीय प्रायोजित योजना प्रधानमंत्री जनमन योजना ” में राज्यांश के रूप में 300 करोड़ रुपये का प्रावधान.
  11. श्री राम लला दर्शन ( अयोध्या धामके लिए 35 करोड़ रुपये का प्रावधान.
  12. भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को सुदृढ़ करने के लिए राज्य में छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मिशन योजना लागू की जाएगी।
  13. छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (सीआईटीऔर छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस(CIMS) क्रमशः प्रत्येक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र और संभाग में स्थापित किए जाएंगे।
  14. रायपुर-भिलाई के आसपास राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआरविकसित किया जाएगा।
  15. छत्तीसगढ़ सेंटर आफ स्मार्ट गवर्नेंस का गठन
  16. छत्तीसगढ़ आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन
  17. बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में इको-पर्यटन और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र विकसित किए जाएंगे ।
  18. नए उद्योगों को नीति में शामिल करने के लिए नई उद्योग नीति तैयार की जाएगी
  19. इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन , कुसुम योजना को अपनाने आदि के अलावा कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए जलवायु कार्य योजना तैयार की जाएगी।
  20. राज्य की खेल सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना प्राथमिकता दी जाएगी।