हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था... भतीजे ने चाचा- चाची को लगाया 76 लाख का चूना, सायंतन रॉयचौधरी पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज
भिलाई। दुर्ग जिले में धोखाधड़ी का बड़ा मामला प्रकाश में आया है। भतीजे ने निवेश के नाम पर अपने ही सगे चाचा चाची को लाखों का चूना लगाया है। श्रीमती शिवानी सिंह न्यायिक मजि0 प्रथम श्रेणी दुर्ग जिला दुर्ग के निर्देश पर नेवाई थाना पुलिस ने सायन्तन रायचौधरी पिता सत्यजीत राय चौधरी के खिलाफ धारा 406 और 420 के तहत मामला दर्ज किया है। इस धोखाधड़ी के मामले को लेकर प्रार्थी द्वारा 9 सितंबर सन 2022 को नेवाई थाने में शिकायत की गई थी। तत्पश्चात 26 अक्टूबर 2022 को पुलिस अधीक्षक से कार्रवाई की मांग की गई। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से प्रार्थी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत हुए थे। न्यायालय के निर्देश पर बुधवार को निवाई थाने में अपराध दर्ज किया गया।
जानकारी के अनुसार इस्पात नगर रिसाली निवासी ध्रुवज्योति रायचौधरी और उनकी पत्नी बिना रायचौधरी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि श्रीमती नंदिता रायचौधरी उनकी की एकमात्र संतान सुपुत्री है जो अपने पति एवं पुत्र के साथ अमरीका के अटलांटा में निवास करती है। सत्यजीत राय चौधरी शिकायतकर्ता ध्रुव ज्योति रॉय चौधरी का सगा छोटा भाई है जो अपनी पत्नी सुमना रॉय चौधरी एवं पुत्र सायंतन के साथ जिला नांदेड, महाराष्ट्र में रहता है। शिकायतकर्ता ध्रुव ज्योति का सोमनी इंडस्ट्रियल एरिया, जिला राजनांदगाँव में एक छोटी सी औद्योगिक इकाई है। जहाँ उद्योगों में काम आने वाली मशीनों एवं कल-पुर्जों का निर्माण किया जाता है। इन्हीं कल-पुर्जो के विक्रय से ही शिकायतकर्ताओं का गुजारा होता है। शिकायतकर्ता दो-चार साल में एकाध बार नांदेड़ में अभियुक्तगण के घर जाते रहे हैं तथा उनके मध्य फोन के माध्यम से भी बातचीत होती है। ध्रुव ज्योति रॉय चौधरी को उनके छोटे भाई सत्यजीत रायचौधरी द्वारा कई बार कहा गया कि वह सायन्तन रायचौधरी को अपने साथ रखकर उसका सहयोग अपने काम-धंधे में ले। सत्यजीत ने अपने पुत्र सायन्तन रायचौधरी के बारे में बतलाया कि वह कम्प्यूटर एवं इन्फार्मेशन टेक्नालाजी आदि के क्षेत्र में पारंगत है तथा बाजार की अडाणी ग्रुप जैसी बड़ी कंपनियों में निवेश के संबंध में उसका ज्ञान काफी अच्छा है। बड़े-बड़े लोग सायन्तन रायचौधरी की सलाह लेकर शेयर आदि में अपना पैसा लगाकर करोड़ों कमा रहे थे एवं सायन्तन रायचौधरी के ज्ञान एवं अनुभव का फायदा उठाकर शिकायतकर्ता भी एक-दो साल में तीन से चार गुना कमाई कर सकता था। सुमना रॉय चौधरी ने भी अपने पति सायंतन का साथ देते हुए प्रार्थी के अपने साथ रखकर पैसा कमाने के लिये आग्रह किया। जब शिकायतकर्ता ने सायन्तन रायचौधरी से उसकी इच्छा पूछी तो उसने प्रार्थी को भरोसा दिलाया, तब ध्रुव ज्योति राय चौधरी और उनकी पत्नी बीना राय चौधरी द्वारा अपने व्यवसाय में फायदे की बात देखकर सायन्तन रायचौधरी को अपने साथ रख लिया गया। वर्ष 2019 के अंत में सायन्तन, शिकायतकर्ताओं के भिलाई स्थित घर में रहने लगा तब शिकायतकर्ताओं ने उसे किसी भी तरह की कोई भी कमी नहीं होने दी। तत्पश्चात सायंतन ने शिकायतकर्ता के साथ उसकी सोमनी स्थित फैक्ट्री भी नियमित रूप से जाता था। धीर-धीरे उसने शिकायतकर्ता की फर्म के ई-टेण्डरिंग एवं पत्राचार जैसे सभी काम अपने हाथ में ले लिये जिससे उसकी कार्यशैली एवं व्यवहार से सभी प्रभावित थे। बड़ी-बड़ी कंपनियों में अपनी पैठ और उसका फायदा उठाने को लेकर वह बार-बार शिकायतकर्ता एवं उनके मैनेजर स्वपन कुमार चक्रवर्ती को प्रेरित करते हुए आक्रमक रूप से बाजार में उतरने का कहा करता था तथा इसके लिये कंम्प्यूटर एवं इन्फार्मेशन टेक्नोलजी की नवीनतम प्रणाली को अपनाये जाने पर जोर देता था । आरोपी का कहना था कि एक बार शिकायतकर्ताओं की फर्म का कंप्यूटर एवं इन्फार्मेशन टेक्नोलजी का ढाँचा पुख्ता रूप से खड़ा हो जाय, फिर बड़ी- बड़ी कंपनियों में पैसा लगाकर लाभ कमाना आसान हो जाएगा। शिकायतकर्ताओं के साथ रहने के दौरान आरोपी सायतन्य बीच-बीच में एक-दो दिन के लिये अपने घर नांदेड महाराष्ट्र जाता रहता था। जल्द ही शिकायतकर्तागण सायन्तन की बातों में आ गये तथा बड़ी-बड़ी कंपनियों एवं बाजार में निवेश करने से सहूलियत को दृष्टिगत रखते हुए वे कम्प्यूटर की आधुनिक प्रणाली को खरीदने के लिये तैयार हो गये। अभियुक्त क्रं. 01 के कहने पर शिकायतकर्ताओं ने अपने बैंकों के एटीएम कार्ड एवं नेटबैंकिंग से होने वाले लेनदेन के लिये पासवार्ड एवं पिन सहित अन्य आवश्यक जानकारियाँ सायन्तन को दे दीं।
आरोपी ने अपने लिये ऐपल कंपनी 1,17,000/- रूपये में एक मोबाईल भी खरीदा तथा इसके पैसे उसने शिकायतकर्ता के भारतीय स्टेट बैंक के खाता से भारतीय स्टेट बैंक के ही अपने खाता में ट्रांसफर करवाया। प्रारंभ में कुछ पैसे नकद लेने के बाद जब सायन्तन ने कुछ और रूपए नकद में देने को कहा तो शिकायतकर्ता ने नकद लेनदेन की बड़ी राशि को नकद देने में असमर्थता व्यक्त की। सायन्तन ने तब अपने और अपनी माँ सुमना रायचौधरी के निम्नलिखित खातों में रकम ट्रांसफर करने का कहा।
सायन्तन रायचौधरी के नाम का भारतीय स्टेट बैंक, गुरूद्वारा रोड, नांदेड, सायन्तन रायचौधरी के नाम का एचडीएफसी बैंक, नांदेड शाखा में और श्रीमती सुमना रायचौधरी के नाम का एचडीएफसी बैंक, नांदेड शाखा में सायन्तन को शिकायतकर्ताओं के यहाँ आए हुए बमुश्किल तीन महीने बीते होंगे कि कोविड की महामारी फैल गई और वह अपने बुजुर्ग माता-पिता की सामने रहकर देखभाल करने की बात कहकर नांदेड़ अपने घर वापस चला गया। जाते समय उसने यह भी कहा कि लकडाउन के दौरान वह नांदेड़ में रहकर ही शिकायतकर्ताओं एवं उनकी फर्म के नाम से निवेश का समस्त काम ऑनलाईन आसानी से कर लेगा क्योंकि उसके पास उनके बैंक खातों का पासवार्ड था। नांदेड जाने के बाद अभियुक्त सायन्तन नियमित रूप से शिकायतकर्ताओं के खातों से पैसा निकालकर अपने खाते में ट्रांसफर करता रहा। शिकायतकर्ता ने अपनी पत्नी श्रीमती बीना रायचौधरी के बैंक खाते से सायन्तन रायचौधरी की माँ श्रीमती सुमना रायचौधरी के खातों में भी पैसा ट्रांसफर किये गये। कुछ पैसे अभियुक्तों ने शिकायतकर्ताओं से आर.टी.जी.एस./एन.ई.एफ.टी. के माध्यम से भी मंगवाये थे। शिकायतकर्ताओं की फर्म का काम करने में उसे जरूरत होगी, ऐसा कहकर अभियुक्त सायन्तन ने कम्प्यूटर एवं मोबाईल आदि के लिये थे। इस तरह से अभियुक्त सायन्तन एवं उसके माता-पिता ने अक्टूबर 2020 से लेकर जुलाई 2021 के मध्य शिकायतकर्ताओं से कुल 76,00,544/- आवेदन में वर्णित डिटेल अनुसार प्राप्त किये। उपयुक्त राशि 76,00,544/- के अतिरिक्त अगस्त 2021 की 20 एवं 21 तारीख को अभियुक्त सायन्तन ने शिकायतकर्ताओं से दो मोबाईल क्रमशः 94,500/- एवं 1,35,000/- भी खरीदबाकर यह कहते हुए लिये थे, कि बाजार में निवेश के लिये उनकी जरूरत होगी । अभियुक्त सायन्तन के द्वारा प्रयोग किये गये 1,35,000/- के उक्त मोबाईल का बिल एवं रसीद शिकायतकर्ता क्रमांक 01 की फर्म स्टेनफैब इंजीनियर्स के नाम से शिकायतकर्ताओं के पास है । इतनी बड़ी राशि ले लेने एवं महँगे मोबाईल खरीदवाने के बाद भी जब शिकायतकर्ताओं के पैसे पर एक भी पाई का रिटर्न आना शुरू नहीं हुआ तो उन्होंने सायन्तन से पैसों का हिसाब माँगना शुरू किया, लेकिन सायन्तन सही-सही जवाब देने के बजाय इधर-उधर की बातों में फँसाये रखता । पैसों के हिसाब के लिये जोर देने पर सायन्तन ने शिकायतकर्ता को दिनांक 10.03.2022 को रायपुर एयरपोर्ट बुलाया। जहाँ उसने बलाया कि उसने शिकायतकर्ताओं से लिये गये पैसे अपने एवं माँ-बाप के ऊपर खर्च कर लिये थे, और वह पूरे पैसे जल्द ही वापस कर देगा। रायपुर एयरपोर्ट पर सायन्तन से बातचीत के दौरान शिकायतकर्ताओं के मैनेजर स्वपन कुमार चक्रवर्ती भी मौजूद थे। दिनाँक 10.03.2022 की उक्त भेंट के बाद सायन्तन ने शिकायतकर्ता से बात करना बंद कर दिया तथा मैसेज का उसने जवाब भी नहीं दिया । दिनाँक 10.03.2022 के बाद सायन्तन के अभियुक्त पिता सत्यजीत रायचौधरी से शिकायतकर्ता की पूर्व की तरह ही फोन पर तीन- चार बार बात हुई जिसे स्वपन कुमार चक्रवर्ती ने भी स्पीकर पर सुना था, किन्तु वह टालता रहा और बाद में तो उसने पैसे देने से स्पष्ट इंकार करते हुए कह दिया कि जो करते बनता हैं कर लो । इस प्रकार अभियुक्तगण ने मिलकर षडयंत्रपूर्वक शिकायतकर्ताओं को भरोसे में ले लिया तथा कई गुनी कमाई का लालच दिखाकर मेहनत से कमाये उनके 78,30,044/- को ऐंठ लिया ।