आदिवासी समाज के रीति-रिवाज, रहन-सहन, संस्कृति, कला तथा जीवन शैली को आत्मसात करना चाहिए-सांसद विजय बघेल

भगवान बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने का कार्य किया- विधायक रिकेश सेन

आदिवासी समाज के रीति-रिवाज, रहन-सहन, संस्कृति, कला तथा जीवन शैली को आत्मसात करना चाहिए-सांसद विजय बघेल
दुर्ग। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती ’जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन आज बीआईटी कॉलेज में सांसद श्री विजय बघेल के मुख्य आतिथ्य में किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल रूप से जुड़कर प्रदेशवासियों को सम्बोधित किया। 
     समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सांसद विजय बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्तमान पीढ़ी को छत्तीसगढ़ के आदिवासी नायक बिरसा मुंडा के अदम्य साहस, शौर्य का परिचय कराया, उसके लिए उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर जिलेवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा के शक्ति, साहस और वीरता के कारण आज हमारा देश आजाद हुआ है। उन्होंने ब्रिटिश व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वह मुंडा जनजाति थे। वर्तमान पीढ़ियों को देश के लिए उनके बलिदान के बारे में जागरूक करने के लिए बिरसा मुंडा जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप मनाया जा रहा है। आदिवासी समाज के रीति-रिवाज, रहन-सहन, संस्कृति, कला तथा जीवन शैली को आत्मसात करना चाहिए। आदिवासी समाज के लोग प्रकृति को सरंक्षित और सुरक्षित रखने के लिए जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए आंदोलन किया। आदिवासी समाज संगठित रहते हुए हमेशा क्षेत्र में भाईचारा, स्नेह को बढ़ाने का कार्य किया। सांसद श्री विजय बघेल ने बिरसा मुंडा एवं छत्तीसगढ़ महतारी के छायचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
विशिष्ट अतिथि विधायक रिकेश सेन ने कहा कि बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को पूरे प्रदेशवासी ’जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मना रहे हैं। यह जयंती पूरे प्रदेश में बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। बिरसा मुंडा का 18वीं शताब्दी में हमारे देश के लिए बहुत बड़ा योगदान था। उन्होंने आदिवासी समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने का कार्य किया। आदिवासीयों को भगवान बिरसा मुंडा के रूप में अपना नायक मिला। आदिवासी समाज आगे बढ़ रहा है चाहे वह कला के क्षेत्र में हो, चाहे वह शिक्षा व खेल के क्षेत्र में कहीं न कहीं अपना प्रेरणा स्त्रोत वह बिरसा मुंडा को मानते हैं। छत्तीसगढ़ का नेतृत्व आदिवासी समाज के मुखिया मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा छत्तीसगढ़ विकास की गाथा लिखी जा रही है। बिरसा मुंडा का आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने में विशेष योगदान है। संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर ने सभी जिलेवासियों को जनजातीय गौरव दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज को आगे बढ़ाने के लिए बिरसा मुंडा ने महत्वपूर्ण कार्य किए हैं उसे हम जनजातीय गौरव दिवस के माध्यम से आज मना रहे हैं। 
कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने कहा कि आज हम सभी एकत्र होकर भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती का समारोह मना रहे है, जिन्होंने आजादी के आंदोलन में अहम योगदान दिया है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है। भगवान बिरसा मुंडा आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और मुंडा जनजाति के लोकनायक थे। उनके संघर्ष व बलिदान ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी है। भगवान बिरसा मुंडा आदिवासी गौरव के प्रतीक है, जिन्हे “धरती आबा के रूप में पूजा जाता है। उनके जन्म जंयती को आज सम्पूर्ण देश में “गौरव दिवस“ के रूप में मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिले में भी आदिवासी विकास विभाग अंतर्गत 7 बालक एवं 4 कन्या छात्रावास इस प्रकार कुल 11 अनुसूचित जनजाति के छात्रावास संचालित है जिसमें 220 बालक एवं 227 कन्या कुल 447 विद्यार्थी निवास करते हुए अध्ययनरत है इन छात्रावासों से बहुत से विद्यार्थी महत्वपूर्ण शासकीय पदों पर चयनित हुए है। छत्तीसगढ़ में कुल 15 प्रयास विद्यालय संचालित है जिसमें से सर्वसुविधायुक्त 500-500 सीटर 03 प्रयास विद्यालय दुर्ग जिले के अंतर्गत संचालित है जिसमें कक्षा 9वी, 10वीं, 11वीं एवं 12वीं में शालेय शिक्षा के साथ-साथ अखिल भारतीय स्तर के इंजीनियरिंग, मेडिकल की कोचिंग की तैयारी करवाई जाती है। प्रयास विद्यालय में वर्तमान समय में कुल 344 अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थी अध्ययनरत है। प्रयास आवासीय विद्यालय से 12वीं उत्तीर्ण पश्चात 3 विद्यार्थी एमबीबीएस, 3 विद्यार्थी आईएलटी, 21 विद्यार्थी एनआईटी, 2 विद्यार्थी आईजेएलटी एवं 139 विद्यार्थियों का बीएएमएस फार्मेसी इंजीनियर संस्थाओं में चयन हुआ है।
राज्य में 02 विज्ञान विकास केन्द्र संचालित है जिसमें से 01 विज्ञान विकास केंद्र (कन्या) 500 सीटर हमारे दुर्ग जिले में संचालित है। जिसका उद्देश्य प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र की शैक्षणिक संस्थाओं में विज्ञान एवं वाणिज्य विषय के शिक्षक एवं व्याख्याताओं के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु योग्य उम्मीद्वार तैयार करना है। वर्तमान में अनुसूचित क्षेत्र के 472 अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्राएं अध्ययनरत है। इस संस्था से अध्ययन उपरांत 115 विद्यार्थी व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक के पदों पर चयनित होकर अनुसूचित क्षेत्र में अपनी सवाएं दे रहे है। जवाहर उत्कर्ष योजना अंतर्गत कक्षा 5 वी उत्तीर्ण विद्यार्थियों को बेहतर अवसर उपलब्ध कराने हेतु उत्कृष्ट आवासीय व्यवस्था वाले निजी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश दिलाकर निःशुल्क अध्ययन सुविधा प्रदान की जा रही हैं। वर्तमान में 19 अनुसूचित जनजाति विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इसके अतिरिक्त सभी विभागों की संचालित योजनाओं में आदिवासियों के हित से संबंधित प्रकरणों को विशेष प्राथमिकता देते हुए समय पर लाभांवित किया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश अध्यक्ष जनजातीय गौरव समाज श्री एम.डी.ठाकुर ने बिरसा मुंडा के गौरवशाली जनजातीय इतिहास के बारे में जानकारी दी। 
    इस अवसर पर जनजातीय वर्ग के हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास पूर्णतः प्रमाण पत्र, श्रम कार्ड, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, मसूर मिनी किट, आयुष्मान कार्ड का वितरण किया गया। कार्यक्रम में सहायक कलेक्टर एम.भार्गव, एडीएम अरविंद एक्का, पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, सीईओ जिला पंचायत बजरंग दुबे, संयुक्त कलेक्टर हितेश पिस्दा, एसडीएम श्री हरवंश मिरी, कंडरा समाज अध्यक्ष श्री अशोक कुमार, कंवर समाज अध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार, हल्बा समाज श्री मंथीर खलेंद्र, जनजातीय गौरव समाज सलाहकार  सीताराम ठाकुर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।