छत्तीसगढ़ में पकड़े का व्यापार करने वाले व्यापारी का आगरा में अपहरण, आरपीएफ दरोगा सहित 3 गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ में पकड़े का व्यापार करने वाले व्यापारी का आगरा में अपहरण, आरपीएफ दरोगा सहित 3 गिरफ्तार

आगरा/रायपुर। छत्तीसगढ़ में फेरी लगाकर कपड़ा बेचने वाले आगरा निवासी व्यापारी को आरपीएफ के दरोगा और सिपाही ने कुछ लोगों के साथ मिलकर पहले किडनैप किया और फिर परिजनों से फिरौती मांगी। परिजनों की शिकायत पर आगरा पुलिस ने घेराबंदी कर दरोगा सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। 
मिली जानकारी के अनुसार व्यापारी काजिम खान छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से आगरा आए थे। वह आगरा के अभयपुरा गांव के रहने वाले हैं। काजिम का छत्तीसगढ़ में कपड़ों की फेरी लगाने का व्यापार है। इस कारण उन्हें वहीं रहना पड़ता है। काजिम ने बताया है कि वो घर पर खाना खा कर आराम कर रहा था। उसी दौरान उनके रिश्ते के जीजा इकरार भी घर आ गए थे। दोनों बात कर रहे थे की वर्दी में कुछ लोग आए और उन्हें पकड़ कर पूरे घर की तलाशी ली। घर पर कुछ न मिलने पर वो लोग उन दोनों को पकड़ कर आगरा फोर्ट चौकी लाए। इसके बाद उन्हें थर्ड डिग्री दी गई तो काजिम ने उन्हें मारना बंद कर छोड़ने के बदले पैसे देने की बात कही। इसके बाद वो लोग उन्हें राजा की मंडी स्टेशन की चौकी पर ले गए और बंद कर चले गए। काजिम ने बताया की आरोपियों ने सुबह उसके मोबाइल से घर पर वाट्सऐप पर कॉल करवाई। घरवालों से 4 लाख की डिमांड की। शिकायत करने पर जेल भेजने की धमकी दी। कई बार बात करने के बाद अंत में 2 लाख रुपए तय हो गए। ऊउढ वेस्ट सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि मंगलवार दोपहर 1 बजे परिजनों ने अपहरण की जानकारी पुलिस को दी। अउढ राजीव सिरोही के निर्देशन में वेस्ट की सारी टीमें लगाई गईं। अपराधी लगातार लोकेशन चेंज कर रहे थे। अंत में पुलिस ने परिजनों को कुछ रुपए दिए और उन्हें देकर बाकी पैसा देने की मोहलत मांगने को कहा। इस दौरान सादी वर्दी में पुलिस टीम ने आरोपियों की कार चिह्नित कर ली और जैसे ही परिजनों से आरोपियों ने पैसे लिए तो पुलिस ने उन्हें तत्काल रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से वारदात में प्रयुक्त दरोगा की होंडा इमेज कार और फिरौती के लिए दिए गए 1 लाख 20 हजार रुपए बरामद किए गए हैं। डीसीपी वेस्ट ने बताया की पूछताछ में पकड़े गए युवकों के नाम पारुल, नीरज और सुरेश पता चले। उन्होंने खुद के आरपीएफ आगरा कैंट में तैनात होने की जानकारी दी। सुरेश आरपीएफ में दरोगा है और आगरा कैंट पर तैनात है। भूरा उनका प्राइवेट ड्राइवर है जो गाड़ी चला रहा था। पुलिस पूछताछ में अपहृत युवकों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला है और आरोपियों पर भी पहले कोई मुकदमा नहीं दर्ज नहीं है। इससे साफ पता चल रहा है की पैसों के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है। सरकारी कमिर्यों द्वारा यह घटना बहुत गलत है और परिजनों की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। आगरा कैंट आरपीएफ थाने में तैनात दरोगा और सिपाहियों के जेल जाने के बाद अब आरपीएफ कमांडेंट अनुभव जैन ने आरोपियों सहित आरपीएफ कैंट थाना प्रभारी को भी निलंबित कर दिया है। इस मामले की विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं। आरोपी प्राइवेट ड्राइवर भूरा अभी फरार है। ये हुए निलंबित आरपीएफ कमांडेंट ने बताया कि अपहरण की घटना में आरपीएफ दरोगा सुरेश चौधरी और कॉन्स्टेबल नीरज की संलिप्तता को देखते हुए इन्हें निलंबित कर दिया है। इसके साथ आरपीएफ कैंट थाना प्रभारी सुरेंद्र चौधरी को भी निलंबित किया गया है। आरोपियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। इंस्पेक्टर सुरेंद्र चौधरी की आरोपियों के साथ क्या संलिप्तता थी, इसकी भी जांच कराई जाएगी। हालांकि इस मामले में थाना प्रभारी की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। माना जा रहा है कि पूरा मामला उनकी जानकारी में था। बता दें कि आरोपी दरोगा सुरेश चौधरी पूर्व में साउथ में तैनात था। वो वहां से ट्रांसफर लेकर इंस्पेक्टर से सब इंस्पेक्टर की पोस्ट पर आगरा आया था। इससे पूर्व थाना एत्माउद्दौला क्षेत्र की फाउंड्री नगर चौकी पर तैनात दरोगा और सिपाहियों द्वारा चांदी कारोबारी भाइयों को इसी तरह सड़क से पकड़ने और उनसे वसूली करने का मामला सामने आया था। सीसीटीवी और सर्विलांस से मामले की पुष्टि के बाद आरोपी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर विभागीय कारर्वाई के आदेश जारी हुए थे।