16 साल बाद पीड़िता को मिला इंसाफ, पूर्व विधायक समेत सात गैंगरेप में पाए गए दोषी, 7-7 वर्ष सश्रम कारावास की सुनाई सजा
हरदोई: उत्तर प्रदेश के जिले हरदोई में बसपा के पूर्व विधायक सत्यनारायण संतू और उसके सहयोगियों को अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 7 साल के सश्रम कारावास के साथ ही अर्थदंड से भी दंडित किया है। लखनऊ की रहने वाली महिला ने 2007 में पति और बच्चों को बंधक बनाकर एक साल तक महिला के साथ जबरिया सामूहिक दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अदालत में सुनवाई के दौरान चली लंबी प्रक्रिया के बाद साक्ष्यों के आधार पर एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक और उसके साथियों को दोषी पाया। जिसके आधार पर आज अदालत ने सभी को सश्रम कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है। अभियोजन पक्ष की ओर से की गई पैरवी और 16 साल के इंतजार के बाद पीड़िता को इंसाफ मिला है और पूर्व विधायक समेत सभी को जेल भेज दिया गया है।
शहर के विशेष सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट सत्यदेव गुप्ता की अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दोषी पाए गए बेनीगंज विधानसभा क्षेत्र से 2002 में बसपा विधायक रहे सत्यनारायण उर्फ संतू और उसके साथियों को 7 साल के सश्रम कारावास और 5-5 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। विगत 19 मार्च सन 2007 में लखनऊ के मडियावां की रहने वाली एक महिला ने अतरौली थाने में पूर्व विधायक सत्यनारायण संतू और उसके साथियों मनुवा सिंह उसके बेटे छोटू सिंह, देवेंद्र सिंह, जितेंद्र सिंह, हड़हा निवासी राजू सिंह ड्राइवर प्रेमपाल और बानपुर निवासी यासीन के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। महिला का आरोप था कि पूर्व विधायक सत्यनारायण संतू लखनऊ में उसके मकान में किराए पर रहते थे, जिसके बाद पूर्व विधायक और उनके साथियों ने उसके पति और बेटी को अगवा कर जबरिया पति से मकान अपने नाम करा लिया और उसके रुपए भी नहीं दिए।
कुछ दिन बाद सत्यनारायण संतू ने अपने साथियों से महिला के पति और उसके बच्चों को अगवा करा लिया और अतरौली थाने के जखवा गांव में मनुवा सिंह के यहां रखा। जहां महिला को अलग कमरे में रखा जाता था और पति व बच्चों को अलग कमरे में रखा जाता था। करीब 1 साल तक पूर्व विधायक सत्यनारायण संतू और उसके सभी साथी महिला के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म करते रहे। मुकदमा दर्ज होने के बाद अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से घटना से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत किए गए।अदालत ने गवाहों और साक्ष्यों की सुनवाई के बाद पूर्व विधायक समेत सभी को दोषी पाया। जिसके बाद आज अदालत ने सभी 7 दोषियों को 7-7 साल के सश्रम कारावास और पांच-पांच हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। इस अदालती कार्यवाही के दौरान मनुवा सिंह की मौत हो गई। आखिरकार 16 साल बाद पीड़िता को इंसाफ मिला है और दोषियों को जेल भेजा गया है।