सरकारी तानाशाही! ठेले पर बीमार पिता को ले जाने की खबर दिखाई, तीन पत्रकारों पर मुकदमा
पत्रकारों का आरोप- प्रशासन ने पीड़ित परिवार पर डाला दबाव
भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पत्रकारों के द्वारा स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलने की एक खबर दिखाए जाने पर प्रशासन के द्वारा तानाशाही भरा रवैया देखने को मिला है। ज़िला कलेक्टर ने जिले के तीन पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। इन तीनों पत्रकारों पर धारा 420, 505 और धारा 59, 2008 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिला प्रशासन के द्वारा की गई इस कार्रवाई को लेकर मध्य प्रदेश के पत्रकारों में रोष है और वे बड़े आंदोलन करने की तैयारी में हैं।
दरअसल मध्य प्रदेश के चंबल इलाके के भिंड जिले में तीन दिन पहले एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति अपने बीमार पिता को हाथ ठेले पर अस्पताल ले जा रहा था। इस बारे में जब स्थानीय पत्रकारों ने उस व्यक्ति से बात की उसने बताया कि एंबुलेंस लेने के लिए कई बार उसने कोशिश की, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची इसलिए उसने अपने बीमार पिता को एक ठेले पर ले जाने का फैसला किया। उसके बाद स्थानीय पत्रकारों ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुलने वाली खबर को प्राथमिकता से दिखाया।
जांच रिपोर्ट में दावा- भ्रामक है खबर
सरकार से लेकर जिला प्रशासन तक इस खबर का असर देखने को मिला और उसके बाद जिला जिला कलेक्टर सतीश कुमार ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिये। इसके साथ ही एक जांच दल का गठन कर दिया। जांच दल ने कलेक्टर को रिपोर्ट पेश की और कहा कि यह खबर भ्रामक और झूठी है। परिवार ने एंबुलेंस के लिए कॉल करने का कोई प्रयास नहीं किया। उसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर तीन पत्रकारों पर जालसाजी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया।
पत्रकारों ने बताया कि एक व्यक्ति के द्वारा अपने पिता को हाथ ठेले पर ले जाने का वीडियो वायरल हुआ था। उसके बाद वे पीड़ित के घर पहुंचे थे और पूरी मामले की पड़ताल की। पीड़ित ने उनको बताया कि कई बार उसने एंबुलेंस को फोन किया था, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची और वह हाथ ठेले से अपने पिता को अस्पताल ले गया। इस पूरे मामले में परिवारजनों ने कैमरे पर बोला है कि उन्होंने एंबुलेंस को फोन किया था लेकिन यह बात अब प्रशासन मानने को तैयार नहीं है।
पत्रकारों का आरोप है कि प्रशासन ने परिवार पर दबाव डाला है और कहा है कि जो सरकार की तरफ से सुविधाएं मिल रही हैं, उनको वापस ले लेंगे। इस कारण पूरा परिवार प्रशासन के दबाव में है। जिला कलेक्टर ने तानाशाही अपनाते हुए पत्रकारों के खिलाफ षड्यंत्र रच उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया है, जिससे पूरे जिले के पत्रकारों में रोष है और अब धीरे-धीरे यह चिंगारी पूरे मध्य प्रदेश में फैलती जा रही है।