भिलाई निगम के सफाई ई रिक्शा चालकों से कबाड़ के एवज में 400 रुपए की डिमांड, किसी से शिकायत करने पर नौकरी से निकालने की धमकी

चुनाव आचार संहिता के आड़ में भिलाई नगर निगम में ठेका एजेन्सी द्वारा सफाई कामगारों का शोषण

भिलाई निगम के सफाई ई रिक्शा चालकों से कबाड़ के एवज में 400 रुपए की डिमांड, किसी से शिकायत करने पर नौकरी से निकालने की धमकी

भिलाई/सुवांकर रॉय। नगर निगम भिलाई के अंतर्गत चारों जोन में सफाई ई रिक्शा चालकों से ठेका कंपनी के अधिकारियों द्वारा बैठक लेकर  400 रुपए की डिमांड की गई है। जोन-2 के वाहन चालकों को छोड़ दूसरे कई जोन के वाहन चालकों से 400-400 रुपए वसूली कर करीब 8000 रुपए ले लिए गए हैं। 2 नवंबर को जोन 2 वैशाली नगर में भी ठेका कंपनी के अधिकारियों द्वारा सफई ई-रिक्शा चालकों की बैठक लेकर कबाड़ के एवज में 400 रुपए की मांग की गई। जब वाहन चालकों द्वारा अधिकारियों से लिखित में देने की बात कही गई तो अधिकारियों ने काम से निकलने की धमकी तक दे डाली। ज्ञात हो कि नगर निगम के 4 जनों में सफाई का ठेका किबार कंपनी के बाद मार्च 2023 से अर्बन अनवायरो वेस्ट मेनेजमेंट लिमिटेड को सफाई का ठेका दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार 2 नवंबर को वैशाली नगर जॉन 2 कार्यालय में कचरा उठाने वाले ई रिक्शा के वाहन चालकों की ठेका कंपनी के जोन अधिकारी साहिल बाग और मधु द्वारा बैठक ली गई थी। इस बैठक में जोन-2 के लगभग 16 वाहन चालक शामिल हुए थे। साहिल बाग के अधीन करीब 15 सुपरवाइजर और 350 सफाई कामगार शामिल है। बैठक में वाहन चालकों से साफ-साफ कहा गया कि घरों से कचरा लेते समय जो भी उसमें कबाड़ में बिकने लायक सामान मिले उसको ठेका कंपनी में जमा कर दे या इसके बदले 400 रुपए प्रति माह ड्राइवर द्वारा  ठेका कंपनी को दिया जाए। इस पर कुछ वाहन चालकों ने ठेका कंपनी के अधिकारियों से लिखित में देने की मांग की तो अधिकारियों द्वारा साफ तौर पर देने से मना कर दिया गया। साथ ही यह भी कहा गया कि अगर कहीं शिकायत करोगे तो काम से निकाल दिया जाएगा। सफाई मजदूर यूनियन ने इसकी शिकायत कलेक्टर सहित नगर निगम भिलाई के आयुक्त से करने का फैसला किया है।
छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति नगरीय निकाय सफाई जनवादी सफाई कामगार  यूनियन के जयप्रकाश नारायण ने बताया कि चुनाव आचार संहिता के आड़ में भिलाई नगर निगम में ठेका एजेन्सी द्वारा सफाई कामगारों का शोषण किया जा रहा है। लगभग 1700 कामगार कार्यरत हैं। कामगारों को कंपनी द्वारा मासिक वेतन का भुगतान हर माह समय पर तो किया जा रहा हैं लेकिन कार्य समय को लेकर कामगार परेशान हो रहे हैं। कंपनी द्वारा कामगारों से 8 घंटे से अधिक 9 घंटे काम लिया जा रहा हैं बिना किसी लाभ दिए। दूसरी तरफ कंपनी घर-घर से कामगारों द्वारा रिक्शा एवं गाड़ी से इकठ्ठा किया गया वेस्ट से कबाड़ के बदले हर माह वसूली की जा रहीं हैं। इसके कारण कामगारों  में आक्रोश हैं। जो कामगार रकम देनें से मना करता हैं उसे काम  से बैठाने की धमकी दी जा रहीं हैं। 
वर्सन
सभी आरोप गलत है-  नरेश चौधरी
इस संबंध में जब ठेका कंपनी के चारों जनों के प्रमुख नरेश चौधरी से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि सारे आरोप गलत है। साथी उन्होंने इस विषय में कोई भी जानकारी देने से साफ साफ इनकार कर दिया।