छेड़छाड़-दुष्कर्म के दोषियों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, आदेश जारी
15 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की थी इसकी घोषणा
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला किया है। बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को अब छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। इसे लेकर अब आदेश पारित कर दिया गया है, जिसके अनुसार लड़कियों से छेड़छाड़ के आरोपी पाए जाने पर छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी से वंछित रहना पड़ जाएगा। ज्ञात हो कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसकी घोषणा की थी।
इस संबंध में राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने आज आदेश जारी कर दिया है। बीते 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को शासकीय नौकरी से प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अस्मिता बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके बाद सोमवार से इस नियम को लागू किया गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया आदेश
छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी करते हुए बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को शासकीय नौकरी से प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी जिला कलेक्टर, विभागों राजस्व मंडल के अध्यक्षों और संभागायुक्तों को पत्र लिखकर इस संबंध में निर्देश जारी किए है।
निर्देश में इन बातों का जिक्र
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि वह अभ्यर्थी जिनके खिलाफ महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के अपराध या पाक्सो एक्ट 2012 के अंतर्गत मामले दर्ज हो। ऐसे अभ्यर्थियों शासकीय पदों और सेवाओं में नियुक्ति के लिए फैसला आने तक प्रतिबंधित किए जाए। यह आदेश छ्त्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1961 का हवाला देते हुए दिया गया है।
सीएम ने 15 अगस्त पर की थी घोषणा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को शासकीय नौकरी से प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी। इसके बाद अब कोई भी उम्मीदवार किसी शासकीय सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा। साथ ही अपराध में लिप्त उम्मीदवार की नियुक्ति अंतिम निर्णय आने तक नहीं हो सकेगी।