सैजेस जामगांव (एम) के बच्चों ने एस्ट्रो लैब में मुख्यमंत्री को दिखाया कैसे अलग-अलग ग्रहों पर ग्रेविटी का होता है अलग प्रभाव
2 करोड़ रुपये की लागत से बने स्कूल भवन का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण
दुर्ग। स्वामी आत्मानंद स्कूल जामगांव (एम) के लोकार्पण के मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने यहां स्थापित एस्ट्रोलैब भी देखी। यहां पर बच्चों ने मुख्यमंत्री को बताया कि किस तरह से ग्रेविटेशन का प्रभाव अलग-अलग ग्रहों में अलग-अलग पड़ता है। मुख्यमंत्री ने स्वयं इस लैब में विभिन्न ग्रहों के भार को हाथों में लेकर महसूस किया। मुख्यमंत्री ने बच्चों से चर्चा में कहा कि आप लोगों को बहुत सुंदर तरीके से खगोल विज्ञान के बारे में जानकारी दी जा रही है जो बहुत अच्छी बात है।मुख्यमंत्री ने यहां का टेलिस्कोप भी देखा। साथ ही भारत में भारत के अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा एवं कल्पना चावला आदि के कार्य का डिस्प्ले भी देखा। मुख्यमंत्री स्कूल के फिजिक्स लैब, केमिस्ट्री लैब और बायो लैब में भी गए।
यहां पर उन्होंने बच्चों के प्रैक्टिकल भी देखे तथा उनसे प्रश्न भी पूछे। मुख्यमंत्री ने बच्चों से पूछा कि आपको इस स्कूल में पढ़ाई करके कैसा लग रहा है। बच्चों ने कहा हमको बहुत अच्छा लग रहा है। यहां आपने सारी सुविधाएं हमें दी हैं। हमारी टीचर बहुत अच्छे हैं और हमें विशेष तरीके से पढ़ाई कराई जाती है। हमें इस स्मार्ट क्लास ले जाया जाता है वहां पर हम ऑडियो विजुअल कंटेंट के माध्यम से सारी जानकारी हासिल करते हैं और सीखते हैं। मुख्यमंत्री ने ऑडियोविजुअल क्लास भी देखी। एक बच्चे प्रदीप चंद्राकर ने ऑडियोविजुअल क्लास के माध्यम से बच्चे को फोटोसिंथेसिस के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की तारीफ की और कहा कि इस तरह से पढ़ने और सीखने की प्रक्रिया बच्चों के लिए बहुत आनंददायी हो जाती है। मुख्यमंत्री बच्चों के अभिभावकों से भी मिले अभिभावकों ने कहा कि यहां पढ़ाई नि:शुल्क है। इतनी अच्छी सुविधाएं हैं टीचर बहुत अच्छे से पढ़ाते हैं। हमें अपने बच्चों को यहां भेज कर बहुत अच्छा लग रहा है मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से भी चर्चा की और उनकी प्रशंसा की। उल्लेखनीय है कि स्कूल का निर्माण दो करोड़ रुपए की लागत से किया गया है यहां पर बच्चों की शैक्षणिक सुविधा के साथ ही प्लेग्राउंड भी है और बच्चों की खेल संबंधी सुविधाओं का ध्यान भी रखा गया है। कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने बताया स्कूल में शिक्षकों की समुचित व्यवस्था की गई है साथ ही बच्चों के विकास के लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।