जमीन दिलाने के नाम पर 87.60 लाख की ठगी, ईंट-भट्ठा में छिपा आरोपी अंकित ताम्रकार गिरफ्तार

जमीन दिलाने के नाम पर 87.60 लाख की ठगी, ईंट-भट्ठा में छिपा आरोपी अंकित ताम्रकार गिरफ्तार

जशपुर। जमीन दिलाने के नाम पर साथियों के साथ मिलकर षड्यंत्र कर कुल 87 लाख 60 हजार रूपये की ठगी करने वाले अंकित ताम्रकार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। आरोपी गिरफ्तारी के भय से ईंट-भट्ठा में छुपा हुआ था। अंकित ताम्रकार के विरूद्ध विभिन्न न्यायालय से एक स्थाई वारंट एवं 2 गिरफ्तारी वारंट भी जारी थे। इस प्रकरण के अन्य आरोपीगण फरार हैं, उनकी लगातार पतासाजी की जा रही है।

पुलिस ने बताया कि प्रार्थी कमलेश जैन (51 साल) निवासी जशपुरनगर द्वारा 27 जून को भूमि स्वामी की भूमि का रजिस्ट्री कराने या दिये गये रूपये वापस करने बाबत लिखित शिकायत आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत किया था। आवेदन पत्र की जाॅंच पुलिस अनुविभागीय अधिकारी द्वारा की गई। जांच पर अनावेदक अंकित ताम्रकार निवासी सन्ना रोड जशपुर द्वारा आवेदक कमलेश जैन के साथ भूमि का सौदा की बात को लेकर लाखों रूपये लेकर धोखाधड़ी कर ठगी करना पाया गया। अंकित ताम्रकार के विरूद्ध प्रथम दृष्टया धारा 420 भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विवेचना दौरान आवेदक और आरोपी अंकित ताम्रकार के मध्य भूमि क्रय-विक्रय की बातचीत होना पाया। बातचीत में प्रार्थी द्वारा अंकित ताम्रकार से भूमि क्रय करने की इच्छा व्यक्त करने पर अभियुक्त अंकित ताम्रकार ने मनबोध महतो भूमि स्वामी की भूमि खसरा नबंर 613/1 की भूमि प्रार्थी को विक्रय किये जाने का सौदा किया गया उक्त भूमि में प्रार्थी को आरोपी द्वारा दिखाई गई भूमि विक्रय हेतु प्रस्तावित स्थान से भिन्न भूमि है। यह तथ्य प्रार्थी को जमीन सबंधित दस्तावेजो में पाई गई भिन्नता के आधार पर प्रार्थी के कथन से स्थापित होता है। भूमि स्वामी अपने खसरा नबंर 613/1 के विक्रय की सहमति देकर अभियुक्त अंकित ताम्रकार से सौदा किया था अन्य भूमि के विक्रय का सौदा भूमिस्वामी द्वारा नहीं किया गया है।

विक्रय की गई भूमि का मूल्य भूमिस्वामी को प्राप्त नही हुआ है भूमिस्वामी के परिवार के जिन सदस्यो से आरोपी द्वारा प्रार्थी से बातचीत कराना कहा गया है वैसा कोई परिवारिक सदस्य भूमिस्वामी मनबोध महतो के परिवार में नहीं है। अंकित ताम्रकार ने प्रार्थी से मनबोध महतो की भूमि क्रय-विक्रय के नाम से लाखों रूपये का ठगी किया गया है। आरोपी द्वारा मूल्यवान दस्तावेज भूमि के ऋण पुस्तिका एवं अन्य मूल्यवान दस्तावेज में कूटरचना कर असल के रूप में इस्तेमाल करते हुये फर्जी तरीके से दस्तावेज को तैयार कर प्रार्थी को विश्वास में लेकर दस्तावेज को प्रार्थी को देकर लाखों रूपये का धोखाधड़ी किया गया है। आरोपी का उपरोक्त कृत्य अपराध धारा 467, 468, 471, 120 (बी) भा.द.वि. का भी अपराध घटित करना सबूत पाये जाने से प्रकरण में उक्त धारा जोड़ी गई है।

जमीन संबंधी लाखों रूपये की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह द्वारा स्वयं मानीटरिंग की जा रही थी। आरोपी ताम्रकार पतासाजी के दौरान लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था, इस हेतु मुखबीर एवं सायबर सेल को लगाया गया था। विवेचना के दौरान अंकित ताम्रकार के फतेहपुर स्थित एक ईंटा भट्ठा में छिपे होने की जानकारी मिलने पर पुलिस टीम द्वारा तत्काल मौके पर जाकर घेराबंदी कर अभिरक्षा में लिया गया। आरोपी ने कथन में अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर षड्यंत्र कर फर्जी मूल्यवान दस्तावेज बनाकर प्रार्थी को जमीन दिलाने के नाम पर कुल 87 लाख 60 हजार रूपये का ठगी करना स्वीकार किया गया। उसके कब्जे से ठगी की रकम से क्रय किया गया कार को जब्त किया गया है। प्रकरण में पर्याप्त अपराध सबूत पाये जाने पर अंकित ताम्रकार को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।