अपनी पेंटिंग से पूरे देश में धूम मचाने वाली नेहा देवांगन स्वयंसिद्धा सम्मान से हुई अलंकृत

अपनी पेंटिंग से पूरे देश में धूम मचाने वाली नेहा देवांगन स्वयंसिद्धा सम्मान से हुई अलंकृत

भिलाई : ललित कला अकादमी के रीजनल सेन्टर की स्थापना के लिए जारी टॉक शो मे दुर्ग की नवोदित चित्रकारा नेहा देवांगन की कला पर परिचर्चा हुई। स्वयंसिद्धा के गरिमामय मंच पर मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध चित्रकार और छत्तीसगढ़ रत्न हरीसेन के हाथो उन्हे स्वयंसिद्धा सम्मान से अलंकृत किया गया।  स्वयंसिद्धा की फाउंडर डॉ. सोनाली चक्रवर्ती ने मंच का सफल संचालन किया।

ज्ञात हो कि भिलाई के कलाकार विगत अनेक वर्षों से ललित कला अकादमी के रीजनल सेन्टर की मांग कर रहे थे जो अब पूर्णता में है। सांसद विजय बघेल द्वारा इस मांग को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल कर लेने से इसकी राह आसान हो गई है तथा स्वयं राज्य शासन इसकी सुध ले रही है जिसके लिए समस्त कलाकारो ने विजय बघेल को बधाई दिया है। इस टॉक शो मे नेहा देवांगन की अमूर्त कला पर चर्चा हुई जिनकी पेन्टिंग वर्तमान समय में पूरे भारतवर्ष में धूम मचा रही है। वे अनेक दशकों के कला संसार की पहली कलाकार हैं जिनकी पेन्टिंग को भारत की सबसे प्रतिष्ठित जहांगीर आर्ट गैलरी मे दो एवार्ड प्रदान किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि स्वयंसिद्धा ए मिशन विद ए विजन गत 20 वर्षों से महिलाओं की प्रतिभा को मंच व सम्मान प्रदान करने का उल्लेखनीय कार्य कर रही है।इसी कड़ी में 43 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ने पर नेहा को 'स्वयंसिद्धा सम्मान' की घोषणा की गई थी।  नागपुर आर्ट कालेज से पेन्टिंग में ग्रेजुएट नेहा की कला एक नये कलेवर मे लोगों के बीच आई है जिसे कला क्रिटिक्स द्वारा बेहद पसंद किया जा रहा है। उनकी कला लोगों को एक नये ही मायावी संसार में ले जाती है जिसे देखकर दर्शक समय से परे हो जा रहे हैं और यही उनके सृजन की खूबी है। रंगों का उत्कृष्ट मेल, शोख चटख उत्कीर्णन, जादुई संयोजन बरबस ही देखने वाले को अपने भीतर समाहित कर लेता है और इस मायायाजगत में वे भावविभोर हो जाते हैं। टॉक शो के दौरान दर्शकों के पूछे गए गूढ़ प्रश्नों का जवाब जिस दार्शनिक अंदाज में नेहा ने दिया उससे देर तक ताली बजाने के लिए लोग मजबूर हो गए। नेहा ने एक लड़की होने के मर्म और उसकी हर बाधाओं को तोड़ने में मदद करने के लिए अपने माता-पिता महेन्द्र देवांगन एवं भूमिका देवांगन के प्यार को ही आशीर्वाद माना है। मुख्य अतिथि हरीसेन ने नेहा की कला को समकालीन भारतीय चित्रकला में सर्वश्रेष्ठ मुकाम देते हुए उन्हें आधुनिक अमूर्तवाद का वैश्विक नेतृत्वकर्ता उल्लेखित किया। वहीं डा.सोनाली चक्रवर्ती ने नेहा के बचपने से लेकर आज तक के सफर को दर्शकों से रूबरू करवाया। इस नन्ही उम्र में ही भारत के राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय मंचों को सुशोभित करने के लिए नेहा के कला की तारीफ की। साथ ही उसे छत्तीसगढ़ की दुलरवा बेटी निरूपित किया। स्वयंसिद्धा के मंच पर इस दौरान नाट्य कला साहित्य महोत्सव के सम्मान पत्र को रोहिणी पाटणकर तथा परसराम साहू को प्रदान किया गया। मरोदा सेक्टर स्थित अंकुश शिल्पागन में आयोजित इस भव्य समारोह मे पी. वाल्सन, विजय शर्मा,संदीप चक्रवर्ती,कमलेश वर्मा, नंद किशोर बोरकर, रविलाल, प्रवीण कालमेघ, स्वयंसिद्धा समूह से अर्चना सेनगुप्ता, गीता चौधरी, रीता बैष्णव डॉ. रजनी नेल्सन  ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में स्वयंसिद्धा ने "स्वच्छता हमारी प्रतिबद्धता" का  संकल्प दिलाते हुए सभी को बड़े  कपड़े के बने थैले सौंपे जिससे कि लोग प्लास्टिक का प्रयोग बंद कर दे। इस दौरान टाक शो मे बड़ी संख्या मे कलाप्रेमी और दर्शकगण उपस्थित थे।