मुआवजा के लिए युवक की आत्महत्या को बताया सांप काटने का केस; वकील, डॉक्टर और परिजनों पर अपराध दर्ज

बिलासपुर। सर्पदंश मुआवजा लेने साजिश रचने वालों के खिलाफ पुलिस ने जांच के बाद चौंकाने वाला खुलासा किया है, जिसमें कर्ज से परेशान किसान युवक की आत्महत्या को सांप काटने का केस बना दिया गया। इस गड़बड़ी की साजिश वकील ने रची और शासन से तीन लाख रुपए मुआवजा दिलाने का झांसा दिया। जांच के बाद पुलिस ने षडयंत्र में शामिल वकील, डॉक्टर सहित मृतक के परिजनों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
गौरतलब हो कि बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने विधानसभा में बिलासपुर जिले में सांप काटने से मौत के मामले को उठाया था। उन्होंने बताया था कि छत्तीसगढ़ में नागलोक के नाम से प्रसिद्ध तपकरा की तुलना में बिलासपुर में चार गुना अधिक मुआवजा वितरण किया गया है। उन्होंने बताया था कि नागलोक तपकरा में एक साल में सर्पदंश के 100 से कम मामले दर्ज हुए। लेकिन बिलासपुर जिले में इसी अवधि में 481 प्रकरणों में मुआवजा वितरण किया गया।
एक दिन पहले ही बुधवार को राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जिले के राजस्व अफसरों की बैठक ली थी, जिसमें उन्होंने विभागीय कामकाज की समीक्षा करते हुए सक्रिय गिरोह की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अफसरों की कार्यप्रणाली पर मंत्री वर्मा ने नाराजगी भी जाहिर की। इसके बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए ऐसे ही एक प्रकरण में वकील, डॉक्टर और मृतक के परिजन के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है।
एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि मामला 12 नवंबर 2023 का है। बिल्हा थाना क्षेत्र के ग्राम पोड़ी निवासी शिवकुमार घृतलहरे (36) की तबीयत खराब होने पर सिम्स में भर्ती कराया गया था, तब उसके मुंह से उल्टी और मुंह से झाग निकल रहा था। इलाज के दौरान 14 नवंबर को उसकी मौत हो गई।
जब शव का पोस्टमार्टम हुआ, तब परिजनों ने मौत की वजह सर्पदंश बताई। वहीं, पोस्टमार्टम करने वाले सिम्स की डॉक्टर डॉ. प्रियंका सोनी ने भी उसी आधार पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कर दी। लेकिन, जब पुलिस ने जांच की, तब पता चला कि शिवकुमार ने शराब के साथ जहर पीकर सुसाइड किया था। जांच में पता चला कि शिवकुमार कर्ज से परेशान था, इस वजह से उसने आत्महत्या की थी।