अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भारत का परचम लहराने ग्रुप कैप्टन के साथ जा रहा सूक्ष्मजीव वॉटर बियर
भारत अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में जुड़ने वाला है एक और स्वर्णिम अध्याय

नई दिल्ली। 1984 के बाद पहली बार कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करेगा। भारत अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ने जा रहा है। यह सम्मान मिला है भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को जो मई में नासा (NASA) और एक्सिओम स्पेस के सहयोग से संचालित होने वाले Axiom Mission 4 का हिस्सा होंगे। वे भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे, जो राकेश शर्मा के चार दशक पुराने कीर्तिमान को आगे बढ़ाएंगे। इसके साथ ही अंतरिक्ष में पहली बार एक अनोखा सूक्ष्मजीव वॉटर बियर भी भेजा जाएगा, जिसे वैज्ञानिक भाषा में टार्डिग्रेड कहा जाता है।
इस जीव को ISRO रिसर्च के लिए भेज रहा है। यह प्रयोग भारत की दीर्घकालिक अंतरिक्ष यात्राओं और गगनयान मिशन की तैयारी के लिए अहम माना जा रहा है। वॉटर बियर की खास बात यह है कि यह सबसे कठिन वातावरण जैसे अंतरिक्ष का वैक्यूम, तीव्र रेडिएशन और अत्यधिक तापमान में भी जीवित रह सकता है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि कैसे अंतरिक्ष यात्रियों को लम्बे समय तक रेडिएशन से बचाया जा सकता है। टार्डिग्रेड्स अपने DNA को खुद मरम्मत करने में सक्षम होते हैं और सस्पेंडेड एनीमेशन जैसी अवस्था में जाकर सालों साल तक जीवित रह सकते हैं।