छत्तीसगढ़ के बाद नोएडा पुलिस ने पहली बार महादेव सट्टा ऐप के अड्डे पर दबिश देकर एक को किया गिरफ्तार
पुलिस ने किया करोड़ों के लेनदेन का खुलासा
नोएडा/दुर्ग। छत्तीसगढ़ में महादेव ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले मुख्य कर्ता-धर्ता को नोएडा पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। नोएडा पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। थाना सेक्टर-39 पुलिस ने ऑनलाइन गेम फ्रॉड करने वाले गिराेह का मुख्य सरगना सचिन सोनी को पुलिस ने दबोच लिया है। आरोपी सचिन विदेश भागने के फिराक में था। जिसे नोएडा पुलिस की टीम ने झांसी से गिरफ्तार किया है। आरोपी को पुलिस नोएडा लेकर आ गई है। जहां उससे पुलिस की टीमों ने करीब 8 घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ में सचिन ने पुलिस को कई अहम जानकारी दी है। आरोपी देश में बेरोजगार लड़कों की सप्लाई करता था। इस ऐप के पाकिस्तान से भी तार जुड़े हुए मिले है। गैंग को लेकर आने वाले दिनों में पुलिस बड़ा खुलासा कर सकती है। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव के निर्देशन में सबसे पहले महादेव ऑनलाइन सट्टा के अड्डों में दबिश देकर ताबड़तोड़ कार्रवाई की शुरुआत की गई। दुर्ग जिले की पुलिस की कार्रवाई से बचने महादेव सट्टा से जुड़े लोग छत्तीसगढ़ छोड़ दूसरे प्रदेशों में शरण लेनी पड़ी। पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अभिषेक पल्लव के कुशल निर्देशन में दुर्ग जिले की पुलिस टीम द्वारा वहां से भी उन्हें पकड़कर कार्रवाई की गई।
एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि महादेव एप फ्रॉड गिरोह के ठगों ने देशभर के लोगों से 450 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है। नोएडा पुलिस लगातार गिरोह के इस्तेमाल किए गए बैंक खातों की जांच पड़ताल कर रही है। पुलिस को हाल में गैंग के चार और बैंक खातों के बारे में पता चला है। इसमें 73 करोड़ के लेनदेन का खुलासा हुआ है। इन खातों में मिले 37 लाख रुपये जब्त कर दिए गए हैं। इससे पहले मंगलवार तक आरोपियों के 22 खातों में 405 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता चला था। मंगलवार को ही 1.84 करोड़ जब्त कराए गए थे। अब तक गिरोह के 478 करोड़ रुपये की जानकारी मिली है।
डी 309 के सेक्टर-108 में फर्जी ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड का संचालन पिछले करीब 1 महीने से हो रहा था। इसकी भनक नोएडा पुलिस को लगी। मंगलवार को एसीपी के नेतृत्व में छापेमारी करके 16 लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया है। इसमें से अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। यह आरोपी महादेव बुक एप्प के जरिए लोगों को अपने झांसे में लाकर लाखों रुपए की ठगी करते थे।
गेम की शुरुआत 500 रुपए से शुरू होती थी। गेम में हारे हुए कस्टमर को जीता हुआ दिखाकर उनको पैसे डबल कर के भेज दिया जाता था। इस वजह से लोग इनके झांसे में आने लगे और गेम में लाखों रुपए लगाने लगे। गेम में अगर अमाउंट एक लाख से अधिक हो जाता था तो यह लोग खेल रहे कस्टमर का अकाउंट ब्लॉक कर के पैसे को ट्रांजैक्शन कर लिया करते थे।