हंगामे की भेंट चढ़ी भिलाई निगम की पहली सामान्य सभा
विपक्ष ने लगाया बोलने नहीं देने का आरोप
भिलाई । नगर निगम भिलाई की पहली सामान्य सभा हंगामेदार रही। पूरे समय हंगामा होता रहा। सभा महज दो घंटे चली। वहीं विपक्षी पार्षदों ने बोलने का मौका तक नहीं देने का आरोप लगाया। भिलाई नगर निगम की 25 मार्च को हुई पहली बैठक में मात्र दो प्रमुख विषयों पर सहमति बनी। सदन में जमीन आवंटन और सेक्टर-5 स्थित गॉर्डन में बनने वाले रीडिंग बुक के लिए टेंडर स्वीकृति का प्रस्ताव आया। विपक्षी पार्षदों का आरोप है कि दोनों विषयों पर उन्हें बोलने नहीं दिया गया। मनमानी करते हुए सत्ता पक्ष ने विषय को पारित करा दिया। इसे लेकर भाजपा के पार्षदों निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की।
सदन की बैठक में विपक्षी पार्षद वशिष्ठ नारायण मिश्रा ने सदन में जमीन आवंटन में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भिलाई निगम में जमीन आवंटन के 293 प्रकरण पेंडिंग है। जबकि इसके लिए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दे दिया है। बावजूद निगम ने आवंटन नहीं किया है। इससे निगम को राजस्व आय हो सकती है। इसके बावजूद इसका आवंटन नहीं किया गया है।
भाजपा पार्षद दया सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की शहर सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है। बोलने की आजादी नहीं दी है। भाजपा की पार्षद स्मिता दोड़के ने कहा कि, वार्ड के सभी पार्षद समस्याओं को लेकर पहुंचे थे, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने बोलने नहीं दिया।
सामान्य सभा में कुल चार पार्षदों ने सवाल लगाए थे। इसमें से केवल दो सवालों को ही सुना गया। बाकी के सवाल हंगामे के चलते नहीं हो सके। नगर सरकार ने जब अपने आपको घिरते हुए देखा तो उसने विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद सभापति उठे और सभी पार्षदों से राष्ट्रगान गाने को कहा। राष्ट्रगान के बाद सभा को समाप्त कर दिया गया।
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