928 किलो चांदी मामले में सामने आया 12 कारोबारियों का नाम, GST विभाग ने लगाया 22 लाख का जुर्माना

आगरा से दिल्ली होते हुए रायपुर पहुंची थी, पार्सल वैन में छिपाकर रखी गई थी अवैध चांदी

928 किलो चांदी मामले में सामने आया 12 कारोबारियों का नाम, GST विभाग ने लगाया 22 लाख का जुर्माना

रायपुर। पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 928 किलो चांदी का जखीरा बरामद किया है, जो अवैध तरीके से लाया जा रहा था। यह चांदी आगरा से दिल्ली होते हुए रायपुर पहुंची थी। इस मामले में 12 व्यापारियों का नाम सामने आया है, जिन्होंने इस चांदी की मांग की थी।यह चांदी इंडिगो एयरलाइंस के कार्गो से लायी गई थी। जीएसटी विभाग ने इस मामले में धारा 122 के तहत कार्रवाई करते हुए 22 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

बता दें कि सोमवार सात अक्‍टूबर को पुलिस की एंटी क्राइम एंड कर्वेशन यूनिट (ACCU) ने डीडी नगर निवासी आरोपी सन्नी कुमार सिंह को पकड़ा था। सन्नी कुमार सिंह एयरपोर्ट से अशोक ले-लैंड वाहन से अवैध चांदी को ठिकाने लगाने के लिए लेकर आ रहा था।

जयस्तंभ चौक के पास वाहन चेकिंग के दौरान पार्सल वैन में छिपाकर रखी गई चांदी को पकड़ा था। अधिकारियों के मुताबिक, वाहन से जब्‍त कुल 51 कार्टूनों में 928 किलोग्राम चांदी की इस खेप के लिए सन्‍नी के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे, जिससे यह साबित होता है कि इसे अवैध रूप से लाया जा रहा था।

छत्तीसगढ़ राज्य में जीएसटी नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि बरामद की गई चांदी की कीमत बाजार में काफी अधिक है, और इसकी जब्ती से न केवल वित्तीय अनियमितताओं पर रोक लगेगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।

जीएसटी विभाग ने कहा, हम किसी भी प्रकार के अवैध कारोबार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि हम ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।

इस मामले में गिरफ्तार किए गए सन्‍नी से पूछताछ की जा रही है, और यह देखा जा रहा है कि क्या यह चांदी किसी अन्य आपराधिक गतिविधियों से जुड़ी हुई थी। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अवैध गतिविधियों की सूचना देने में मदद करें, जिससे ऐसे मामलों पर नियंत्रण पाया जा सके।

रायपुर में पकड़ी गई 928 किलो चांदी का जखीरा अब शहर के एक प्रमुख सराफा कारोबारी से जुड़ा हुआ है। जानकारी के अनुसार, यह चांदी कच्चे रूप में उस कारोबारी के पास छिपाने के लिए लाई गई थी। योजना थी कि इसे दिवाली त्योहार के मौके पर बेचा जाएगा, जब चांदी और अन्य आभूषणों की मांग बढ़ जाती है।