एंटी करप्शन ब्यूरो करेगी सभी नर्सिंग होम की जांच, 7 नवजात शिशुओं के मौत के बाद एक्शन शुरू

एंटी करप्शन ब्यूरो करेगी सभी नर्सिंग होम की जांच, 7 नवजात शिशुओं के मौत के बाद एक्शन शुरू

नई दिल्ली. 7 नवजात शिशुओं के मौत के बाद दिल्ली के तमाम नर्सिंग होम्स के पंजीकरण और वैधता से जुड़े मामले में उप-राज्यपाल वी.के. सक्सेना ने एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti Corruption Branch-ACB) को जांच का आदेश दिया है. इस जांच के निर्देश के बाद विजिलेंस विभाग ने एसीबी के ज्वाइंट कमिश्नर को जांच शुरू करने का निर्देश दिया.

इस मामले में 5 जून तक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा गया है.दिल्ली के उप-राज्यपाल ने हाल ही की घटना के स्वास्थ्य विभाग के किन कर्मचारियों की लापरवाही के कारण घटी, इसे भी उजागर करने का निर्देश दिया है. विजिलेंस विभाग ने उपरोक्त बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए ACB को जांच करने के बाद रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है.

विजिलेंस विभाग ने लिखा है कि दिल्ली में करीब 1190 नर्सिंग होम हैं. जिनमें से करीब एक चौथाई बिना रजिस्ट्रेशन या अवैध तरीके से चलाए जा रहे हैं. इसी संबंध में उपराज्यपाल ने एसीबी जांच के निर्देश दिए हैं. एसीबी को जांच करके यह पता लगाने का काम सौंपा गया है कि आखिर कितने नर्सिंग होम बिना रजिस्ट्रेशन के चलाए जा रहे हैं? इसके साथ ही क्या सभी रजिस्टर्ड नर्सिंग होम संचालन में जरूरी नियमों का पालन कर रहे हैं? एसीबी को यह भी पता लगाने का काम सौंपा गया कि क्या सभी रजिस्टर्ड नर्सिंग होम्स को 100 फीसदी निरीक्षण के बाद रजिस्टर्ड किया गया है?

बता दें कि दिल्ली के शाहदरा के विवेक विहार इलाके में शनिवार देर एक बेबी केयर सेंटर में आग लग गई। इससे बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल में 7 नवजातों को मौत जलने से नहीं, बल्कि दम घुटने से हुई थी। आग बच्चों के बिस्तर तक नहीं पहुंची थी। हालांकि, तपिश से त्वचा झुलस गई थी। पुलिस अधिकारियों को ये जानकारी पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों ने दी है। डॉक्टर नवीन ने अस्पताल में तीन बीएएमएस रखे हुए थे। डाॅ. आकाश गिरफ्तार हो चुके हैं। वहीं, पुलिस की पूछताछ में आकाश ने खुद को बेकसूर बताया है। उनका कहना है कि डॉ. नवीन ने 40 हजार रुपये महीना सैलरी पर रखा था। आग लगने पर वे अस्पताल से भागे नहीं। आखिरी दम तक बच्चों को बचाने और सुरक्षित निकालने में मदद की। इधर, पुलिस ने नोटिस जारी कर अस्पताल के सभी डॉक्टरों, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ के अलावा दूसरे कर्मचारियों से डिग्रियां मांगी हैं।