पिघला लोहा गिरने से तीन कर्मचारी झुलसे

भिलाई स्टील प्लांट के  एसएमएस-2 के कनवर्ट -3 में ब्लास्ट

पिघला लोहा गिरने से तीन कर्मचारी झुलसे

भिलाई । भिलाई स्टील प्लांट में दुर्घटना रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। शुक्रवार की रात पिघलता लोहा गिरने से तीन कर्मचारी बुरी तरह झुलस गए हैं। दो दिन पहले  की 1 मई को ब्लास्ट फर्नेस 7 में हुए हादसे में आग की चपेट में आने से एक ठेका श्रमिक की मौत हो गई थी। वहीं एक कर्मी गंभीर रूप से झुलस गया था, जिसका उपचार अभी जारी है। इस घटना के बाद बीएसपी के अधिकारी को भी सपेंड कर दिया गया था। आज की हादसे में <span;>BSP कर्मी मानसिंह ठाकुर 45%, ठेका कर्मी भूषण लाल 25% और <span;>ठेका कर्मी <span;>गिरी कुमार  20% झुलस गए है।


शुक्रवार सुबह फिर से एसएमएस-2 के कनवर्ट 3 में ब्लास्ट हो गया। इससे पिघले हुए लोहे के छीटे वहां काम कर रहे कर्मचारियों के ऊपर गिरे और वह झुलस गए। झुलसने वालों में एक बीएसपी कर्मी और दो ठेका कर्मी हैं। तीनों को सेक्टर 9 हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। मिली जानकारी के  शुक्रवार रात करीब 2.45 बजे भिलाई इस्पात संयंत्र के एसएमएस-2 में काम चल रहा था। यहां कनवर्ट -3 में पिघले हुए लोहे को शिफ्ट किया जा रहा था। इसी दौरान वहां अचानक ब्लास्ट हो गया। इससे पिघले हुए लोहे के छींटे काफी दूर तक गिरे। इस दौरान वहां काम कर रहे मानसिंह ठाकुर (58) और ठेका कर्मचारी गिरि कुमार व भूषण लाल के ऊपर भी लोहे के छीटे गिरे, जिससे वे बुरी तरह से झुलस गए। घायलों को तुरंत जख्मी हालत में मेन मेडिकल पोस्ट पहुंचाया। वहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सेक्टर-9 अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीनों का इलाज बर्न वार्ड में चल रहा है। 


1 जून की हादसे में राहुल की गई थी जान
ज्ञात हो कि 1 जून को ब्लास्ट फर्नेस-7 में एक बड़ा हादसा हो गया था। इसमें आग लगने से स्टोर पारा पुरैना निवासी ठेका कर्मचारी राहुल उपाध्याय की मौत हो गई थी वहीं इस हाइसे में दूसरा ठेका कर्मचारी परमेश्वर करीब 80 फीसदी झुलस गया था, जिसका उपचार सेक्टर-9 के बर्न यूनिट में चल रहा है। ये दोनों ठेका कर्मचारी अमन कंस्ट्रक्शन के लिए बीएसपी में कार्य करता था। गुरुवार को राहुल के परिजनों ने मरच्युरी के बाद प्रदर्शन करते हुए शव लेने से मना कर दिया। सूचना पर बीएसपी व ठेका कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मृतक राहुल की पत्नी को दो लाख रुपए का चेक, एक लाख रुपए नकद सहित बीएसपी द्वारा अनुकंपा नियुक्ति दी गई। इसके बाद मामला शांत हुआ। 

सेक्टर-9 अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी
आये दिन भिलाई इस्पात संयंत्र के भीतर गंभीर हादसा हो रहे हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण कई बार ऐसा भी नौबत आ जाती है कि मरीजों को इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करना पड़ जाता है। यूनियनों द्वारा बीएसपी प्रबंधन से कई बार अस्पताल में सुविधाएं सहित विशेषज्ञ डॉक्टरों की व्यवस्था की मांग की गई है लेकिन बीएसपी प्रबंधन द्वारा यूनियनों की मांग को अनदेखा कर दिया जाता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि किसी बड़ी दुर्घटना के समय सेक्टर-9 अस्पताल में गंभीर रूप से घायल लोगों का उपचार कैसे करेंगे?

दुर्घटना के कारणों को चिन्हित कर उसे दूर करना आवश्यक
हिंदुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन सीटू के महासचिव  योगेश कुमार सोनी ने कहा कि किसी अधिकारी या कर्मचारी पर कार्यवाही से दुर्घटना को रोक पाना सम्भव नहीं है। दुर्घटना के मूल कारणों  तक पहुचना व  उसमें सुधार करना जरूरी है। दुर्घटना के पश्चात दुर्घटना के कारणों को उजागर करना  व उन कारणों को चिन्हित कर दूर करना,  भविष्य में ऐसी चूक न हो उस दिशा में प्रयास करना जरूरी है। साथ ही  ठेकेदारों को मजदूर बदलने की छूट पर भी लगाम लगाना जरूरी है। पर्याप्त सुरक्षा प्रशिक्षण, कार्यस्थल की भली भांती जानकारी, दुर्घटना संभावित क्षेत्र की जानकारी सांझा कर  एसओपी, एसएमपी का पूर्णत: पालन करते  कार्य करने से कुछ हद तक दुर्घटना को रोका जा सकता है। जिस तरह से आये दिन दुर्घटनाएं हो रही है वह चिंता का विषय है।
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