छत्तीगसगढ़ में केरल की संस्कृति, विरासत एवं परंपरा को प्रदर्शित करता भव्य आर्ट इंडीग्रेटेड एक्जीविशन

छत्तीगसगढ़ में केरल की संस्कृति, विरासत एवं परंपरा को प्रदर्शित करता भव्य आर्ट इंडीग्रेटेड एक्जीविशन

भिलाई। सांस्कृतिक विविधताओं की भूमि भारत एक समग्र सांस्कृतिक समाहार है। जिसमें विभिन्न धर्मों समुदायों, राष्ट्रीय संस्कृतियाँ और भाषायी विविधताओं का समावेश है। यहां का संस्कृति को तुलना विभिन्न रंगों के मनकों और धागों वाली माला से की जा सकता है।
भारत की अनोखी संस्•ृति की महत्ता को प्रस्तुत करने हेतु •ृष्णा पब्लिक स्•ूल नेहरू नगर भिलाई में एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत दिनांक 12.08.2023 को प्राकृतिक सौन्दर्य की छटा बिखेरना वाला छत्तीसगढ़ का युग्मित राज्य केरल की रमणीयता को प्रदर्शित करते हुए भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा पहली से बारहवीं तक के छात्रों ने विभिन्न मॉडल्स और चार्ट द्वारा केरल की संपूर्ण सांस्कृतिक आर्थिक, प्राकृतिक विरासत को इतनी कलात्मक ढ़ंग से उकेरा कि दर्शक विस्मित हो छात्रों की प्रतिभा की भरपूर प्रशंसा किए।
प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथियों के रूप में भिलाई नायर समाज के फाऊंडर मेंबर्स, पूर्व अध्यक्ष ई. के. सी. नायर, उपाध्यक्ष एस. प्रभाकरण नायर, जैनिस पिल्लई, टी. आर. सी. नायर, प्राचार्या श्रीमती सविता त्रिपाठी के करकमलों तथा अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न मॉडल और चार्ट प्रदर्शित किए गए जिसमें केरल के अनेक मंदिर, गरम मसालों का उत्पादन, सुप्रीम कोर्ट के द्वारा किए गए न्याय सबरीमाला व केशवानंद भारती, केरल का पार्लियामेंट, न्यूक्लीयर पावर प्लान्ट, केरला हकोनॉमी, कई प्रसिद्ध इंडस्ट्रीज, नारियल का उपयोग करने हेतु कई कारखाने, ज्वेलरीज, आज की इस प्रदर्शनी में फूलों की रंगोली (फूकलम) केरल के झीलों व नदियों में चलने वाले हाउसवोट तथा राजा बलि व उनके सेवक प्रदर्शनी में लाइव मॉडल के रूप में आकर्षण के केन्द्र बिन्दु रहे।
भारत के विभिन्न राज्यों की वेशभूषा और प्रसिद्ध व्यंजन, वि•्रमसाराभाई स्पेस और, एसिड रेन, सेक्टर ऑफ इंडियन इकोनॉमी, जी.एस.टी. रेट स्ट्रक्चर, आदि मॉडल्स व ड्रीप इरिगेशन, इसरो का वर्•िंग मॉडल चंद्रयान-3 ने छात्रों की प्रतिभा को प्रदर्शित किया।
कृष्ण पब्लिक स्कूल प्रांगण केरल के विभिन्न सांस्कृतिक व पारंपरिक साज-सज्जा से शोभायमान हो रहा था। सभी शिक्षकगण केरल की पारंपरिक वेशभूषा धारण किए हुए थे वहां की अनेक कलाओं जिसमें मोहिनीअट्टम, कथकली, ओपना मारगंम कली, पुलीकली के द्वारा शोभायात्रा का दृश्य मनोरम था। बच्चों व शिक्षिकाओं द्वारा प्रस्तुत तिरवाद्रो डांस की प्रस्तुति ने माहौल को रंगीन बना दिया। माध्यमिक कक्षा के छात्र-छात्राओं द्वारा नाटक का मंचन हुआ जिसे देखखर दर्शकों ने खूब तालियाँ बनाई।
शाला की प्राचार्या श्रीमती सविता त्रिपाठी ने इस प्रदर्शनी में बच्चों की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के आयोजन से विद्यार्थी दूसरे राज्य की संस्•ृति से रूबरू हो रहे हैं जिससे उनके सीखने की क्षमता में वृद्धि तो हो रही है साथ ही राष्ट्रीय एकीकरण को भी निश्चित रूप से बढ़ावा मिलेगा। शाला के डायरेक्टर आलोक त्रिपाठी ने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा प्रदर्शनी युवा दिमागों को ज्ञान का एक नया उपकरण प्रदान करती है और उनके बीच नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ाती है।
संस्था के चेयरमेन एम. एम. त्रिपाठी जी ने मॉडल में झलकती बच्चों की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि आज के केपीएस में भारत की विश्वप्रसिद्ध विशेषता अनेकता में एकता की भावना परिलक्षित हो रही है साथ ही छात्रों, शिक्षकों व शाला की प्राचार्या की मेहनत स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हुई। उन्होंने अपने उद्बोधन में ओणम त्योहार के मनाए जाने व राजा बलि के दानवीरता की महत्ता से लोगों को अवगत कराया।
इस अवसर पर •ृष्णा गु्रप के चेयरमेन एम. एम. त्रिपाठी, श्रीमती कृष्णा त्रिपाठी, श्रीमती स्नेहलता त्रिपाठी, वाइसचेयरमेन आनंद त्रिपाठी, सचिव प्रमोद त्रिपाठी, प्राचार्या श्रीमती सविता त्रिपाठी, उपप्राचार्या श्रीमती रीता थॉमस, सीनियर हेड मिस्ट्रेस श्रीमती मोनिका सेन गुप्ता, हेड मिस्ट्रेस किड्स श्रीमती शिल्पी त्रिपाठी तथा अन्य गणमान्य अतिथि विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन केरल के पारंपरिक व्यंजन सद्या को ग्रहण कर हुआ।