पत्नी पर तेजाब डालने के बाद चापड़ से काटकर नृशंस हत्या, बचाव में आई बेटी पर भी जानलेवा हमला, आरोपी फरार
कानपुर। दर्शनपुरवा में सोमवार शाम पति ने अवैध संबंधों के शक में पत्नी पर तेजाब डालने के बाद चापड़ से काटकर नृशंस हत्या कर दी। बचाव में आई बेटी पर भी जानलेवा हमला करके फरार हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक ने घटना स्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस हत्यारोपी की तलाश में जुटी है। दर्शनपुरवा निवासी अर्जुन सोनी सोमवार को पत्नी सोनी की हत्या के पूरे इरादे से पहुंचा था। घर के अंदर घुसते ही सबसे पहले अंदर से ताला डाला, इसके बाद पत्नी पर तेजाब डालकर तड़पाता रहा। मां-बेटी खिड़की से झांककर बार-बार मदद की गुहार लगाती रहीं, लेकिन दरवाजा बंद होने की वजह से पड़ोसी बेबस देखते रहे।
अर्जुन दर्शनपुरवा में शकुंतलादेवी के मकान के ग्राउंड फ्लोर में 45 सौ रुपये किराये पर दो सालों से रह रहा है। शकुंतलादेवी ने बताया कि मृतका के तीनों बेटे अमित, सुमित और अंकुर कपड़े की दुकान में काम करते हैं। अमित, सुमित किसी काम से बहराइच गए थे। शाम करीब पांच बजे अर्जुन के घर से चीख पुकार की जोर से आवाजें आने लगीं तो वे पहली मंजिल से नीचे उतर आईं। आसपास रहने वाले अर्पित शर्मा, सुमन वर्मा, संध्या, रामू भी घरों से बाहर आकर अर्जुन के घर की ओर देखने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अर्जुन ने घर के अंदर करीब आधे घंटे तक खूनी खेल खेला। मेन गेट अंदर से बंद होने के कारण वे सभी बेबस खड़े रहे। खून से लथपथ सोनी घर की खिड़की पर आकर दोनों हाथ बाहर निकालकर लोगों से मदद की गुहार लगाती रही। मां के पीछे खड़ी वैष्णवी भी खून से लथपथ पिता से लिपटकर पीछे खींच रही थी। तभी अर्जुन ने हाथ में ली हुई शीशी से सोनी पर पीछे से कई बार तेजाब डाला। पड़ोसी मदद के लिए खिड़की की ओर बढ़े तो अर्जुन ने उन पर भी तेजाब डाल दिया। इससे बाहर खड़े पड़ोसी भी मामूली रूप से झुलस गए। सामने रहने वालीं सुमन की साड़ी जल गई। इस बीच अर्जुन सोनी को बालों से पकड़कर घसीटते हुए बाथरूम के पास ले गया और चापड़ से कई बार सिर, छाती, चेहरे पर अनगिनत वार करके हत्या कर दी।मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल से 10 फिंगरप्रिंट जुटाए हैं। दो कमरों के घर में आंगन से लेकर कमरे, बाथरूम और किचन तक में खून फैला मिला। कमरे में रखा फ्रिज पलटा हुआ था। गृहस्थी का पूरा सामान बिखरा था। कमरों और आंगन में टूटी हुई चूड़ियां बिखरी थीं। सोनी के गले की माला भी टूटी मिली। चादर और कपड़े खून से रंगे मिले। ऐसे में साफ है कि सोनी ने अपनी जान बचाने के लिए अंतिम सांस तक संघर्ष किया था। वहीं, अर्जुन उसे किसी भी सूरत में जिंदा नहीं छोड़ना चाहता था। बचाव में आई बेटी तक को नहीं बख्शा।