मौसम ने दिल्ली से हिमाचल तक बदले तेवर, आफत में बदल गई मॉनसून की बारिश
नई दिल्ली (एजेंसी)। मॉनसून का इंतजार 24 घंटों में ही हाहाकार में बदल गया। उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश समेत कई ऐसे राज्य थे, जहां सड़कों से लेकर इमारतों तक तबाही देखी गई। इतना ही नहीं आंकड़े बता रहे हैं कि उत्तर भारत में मौसम से जुड़ी घटनाओं में करीब 50 लोग जान गंवा चुके हैं। 24 घंटे के दौरान मूसलाधार बारिश के चलते भूस्खलन, बादल फटने, घर ध्वस्त होने, पेड़ और बिजली गिरने से कई लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा 11 मौतें हिमाचल में हुईं। इसके अलावा, यूपी में 8, उत्तराखंड में 6, दिल्ली में 3, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा व पंजाब में दो-दो की जान गई। हिमाचल के मंडी में ब्यास नदी के उफान में 40 साल पुराना पुल बह गया है। दिल्ली में 41 साल बाद जुलाई में एक दिन में 153 मिलीमीटर बारिश हुई है। बारिश के चलते उत्तर रेलवे ने 17 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। 12 ट्रेनों के मार्ग बदलने पड़े हैं।
पहाड़ी राज्यों में भूस्खलन से सड़कें मलबे में बदल गई हैं, जबकि राजधानी दिल्ली समेत मैदानी राज्यों की सड़कें पानी में डूब गई हैं। इसके चलते यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दिल्ली में यमुना का पानी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब, हिमाचल के मुख्यमंत्री और दिल्ली व जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से बातकर हालात से निपटने में केंद्र से हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
मौसम विभाग ने कहा है हिमालय पर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और जोरदार मॉनसून का एक-दूसरे पर प्रभाव हुआ है, जिसके चलते क्षेत्र के बड़े हिस्से पर भारी बारिश हो रही है।' खास बात है कि जुलाई में दक्षिण पश्चिम मॉनसून के चलते भारी बारिश होना आम है। कहा जा रहा है कि गंभीर पश्चिमी विक्षोभ है, जिसने बारिश की गतिविधियों में इजाफा किया है। साथ ही भूमध्यसागर क्षेत्र से बन रहे बारिश के सिस्टम के चलते बारिश हो रही है। रिपोर्ट में मौसम के जानकारों के हवाले से लिखा गया कि मॉनसून ट्रफ भी सक्रिय है और इसका पश्चिमी छोर अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर है। वहीं, पूर्वी छोर उत्तर में है। मध्य राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना है। इन सभी कारणों के चलते भारी बारिश हो रही है।