भिलाई के लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव पांडेय शहीद

मां से बात करते समा गए धरती मां के गोद में

भिलाई के लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव पांडेय शहीद

भिलाई। भिलाई नेहरू नगर (पूर्व) भिलाई निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव पांडेय मणिपुर लैंडस्लाइड में शहीद हो गये हैं । बॉडी मिलने के बाद उनकी पत्नी ने शिनाख्ती। लेफ्टिनेंट कर्नल कपिलदेव पाण्डेय मणिपुर के नोनी जिले की रेल परियोजना की सुरक्षा में तैनात गुरखा राइफल्स की कंपनी का नेतृत्व कर रहे थे।
इंफाल में भूस्खलन की चपेट में आने के बाद से भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव पांडे 60 घंटे से लापता थे.  मणिपुर के नोनी जिले में एक प्रादेशिक सेना के शिविर में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ था जिसमें लगभग 65 जवान दब गए थे और लापता थे. इन्हीं में से एक कपिल देव भी थे. इनके सहित शहीद होने वालों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है और 34 लोग अभी भी लापता हैं।
मणिपुर के नोनी जिले में जिरीबाम रेलवे लाइन और स्टेशन का निर्माण कार्य चल रहा है। बोडो उग्रवादियों के कारण यह राज्य के सबसे सुदूर और संवेदनशील इलाके में है। इसलिए निर्माण कार्य में लगे लोगों की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना की प्रादेशिक सेना की कंपनी 107 को तैनात किया गया है।

लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव टीम के कमांडर थे और पिछले तीन साल से वहां तैनात थे. हादसा बुधवार रात करीब 12.30 बजे हुआ था. उस समय लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव पांडे अपनी मां कुसुम और बहन भावना पांडे से वीडियो कॉल में बात कर रहे थे। कपिल तीन साल से भिलाई नहीं आए हैं तो माँ ने जिज्ञासावश बेटे से पूछा भिलाई कब आ रही है? उसी क्षण कपिल को गड़गड़ाहट सुनाई दी। जिसके बाद उसने मां से कहा कि लगता है कैंपसाइट के पीछे कुछ हो रहा है, जाना होगा. इतना कहने के बाद फोन काट दिया गया। तब से लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव का मोबाइल स्विच ऑफ था.

शनिवार को बरामद किए गए शवों में से पांच प्रादेशिक सेना की पैदल सेना इकाई और बाकी नागरिकों के हैं। अब तक 20 सैनिकों और नौ नागरिकों के शव निकाले जा चुके हैं।
कपिलदेव के परिवार में कुसुम पांडेय (माता), लेफ्टिनेंट कर्नल छवि पांडेय (पत्नी), सुश्री भावना पांडेय (बहन), कंचन अग्रवाल (बहन) और दो बेटे हैे.