भाई निकला भाई का हत्यारा, पानी भरे गड्ढे में छिपाया था शव, नेवई पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तर
भिलाई। नेवई थाना पुलिस ने भाई को मौत के घाट उतार ने वाले भाई को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपने ही भाई की हत्या कर शव को छिपाने के लिए पानी भरे गड्ढे में डाल दिया था। आरोपी के खिलाफ धारा 302, 201 के तहत कार्रवाई कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेद दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसर सूचनाकर्ता ने थाना उपस्थित आकर मर्ग इंटीमेशन दर्ज कराया कि दिनांक 17.09.2023 को सुबह अपने काम पर गई थी शाम को घर वापस आई तो इनका देवर सन्नी उर्फ नेपाली रापजूत घर के बिस्तर में मरा पडा था, तब अपने पति दीपक राजपूत से पूछी तो बताया कि दोनो में झगडा होने से सन्नी उर्फ नेपाली ने उसे मारा तो इनके पति दीपक राजपूत ने आवेश में आकर ठोस वस्तु से हत्या करने की नियत ताबडतोड हमला कर में दाहिने कान के पीछे, गला, कमर में मारपीट कर गंभीर चोट पहुंचाकर हत्या करना बताया तथा किसी को बताने पर सूचनाकर्ता को भी यही हाल करने की धमकी देने से वह अपने मायके स्टेशन मरोदा रात्रि में डर के कारण चले गई और किसी को नहीं बताई। दिनांक 18.09.2023 को सुबह अपनी मां को घटना के बारे में बताकर उनके साथ रिपोर्ट करने थाना आकर मर्ग क्रमांक 55/2023 धारा 174 जाफौ कायम कर जांच में लिया गया। मर्ग होने की सूचना पर तत्काल घटना स्थल इंदिरा चौक स्टेशन मरोदा मृतक के घर गया जहां मृतक नहीं मिलने पर आस पास पता तलाश करने पर मृतक के घर पास डबरी में मृतक सन्नी उर्फ नेपाली राजपूत को पानी में डूंबा था सिर दिख रहा था, जिसे पंचानों के मदद से बाहर निकाला गया मृतक को पत्थर से बांध कर पानी में डूबा दिया गया था। सिर में गंभीर चोट लगा था। मृतक के शव को पंचनामा कर पीएम हेतु दुर्ग मर्चुरी रवाना किया गया है।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये टीम गठित कर अलग अलग दिशा में टीम रवाना किया गया था। आरोपी को संभावित आने जाने वाले जगहो पर नजर रखी गई थी। रेल्वे स्टेशन व बस स्टेशन में भी टीम लगाया गया था। कुछ घण्टों बाद आरोपी दीपक राजपूत पिता देवा राजपूत उम्र 22 साल निवासी इंदिरा चौक स्टेशन मरोदा डबरी के पास थाना नेवई जिला दुर्ग को घेरा बंदी कर पकड़ा गया। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी नेवई ममता अली शर्मा, उनि डी आर नारंगे, सउिन रामचंद कंवर गंगाराम यादव, प्रआर जगतपाल जागडे, आरक्षक विकास शर्मा, चंदन भास्कर, शैलेष मौर्या, रवि बिसाई, लक्ष्मीनारायण यादव, छत्रपाल वर्मा, चितरंजन देवांगन का सराहनीय योगदान रहा।