सुबास वेलफेयर सोसायटी का पंजीयन रद्द करने और कार्रवाई की मांग 

सुबीर रॉय ने की सहायक रजिस्ट्रार से शिकायत 

सुबास वेलफेयर सोसायटी का पंजीयन रद्द करने और कार्रवाई की मांग 
शिकायतकर्ता सुबीर रॉय 

दुर्ग।  सुबीर रॉय पिता स्व. एसएन रॉय, उम्र-57 वर्ष, निवासी एल.आई.जी. -301, आदित्य नगर दुर्ग ने सहायक रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं दुर्ग संभाग को ज्ञापन प्रेषित कर श्रीमती काकुली भांजा तथा मनोररंजन रॉय द्वारा सुबास वेलफेयर सोसायटी पंजीयन नंबर-17708, वर्ष 2009, पता- दुर्गा बाडी, सिंधिया नगर, दुर्ग समिति में की जा रही अनियमित्ता तथा फर्जी तरीके से नया कार्यकारिणी का गठन करने की शिकायत एवं उचित कानूनी कार्यवाही कर, सुबास वेलफेयर सोसायटी पंजीयन नं.- 17708, वर्ष 2009 का पंजीयन रद्द किये जाने की मांग की है। 

सुबीर रॉय ने शिकायत पत्र में बताया कि वे सुबास वेलफेयर सोसायटी पंजीयन नंबर-17708, वर्ष 2009, पता- दुर्गा बाडी, सिंधिया नगर, दुर्ग (छ.ग.) में वर्ष 2019 से सचिव के पद में है। दिनांक-23/06/2024 को श्रीमती काकुली भांजा तथा मनोररंजन रॉय द्वारा फर्जी और मनमाने तरीके से कोर कमेटी की बैठक बुलाकर कार्यरत कार्यकारिणी को भंग कर, नया कार्यकारिणी का गठन किया गया है और आवेदक को विधिवत जानकारी ना देकर उसे सचिव के पद से मुक्त कर दिया गया है, जबकि नये कार्यकारिणी का गठन कोर कमेटी की बैठक में नही किया जा सकता है, बल्कि नये कार्यकारिणी का गठन सामान्य कमेंटी की बैठक में किया जाना चाहिए था।

आवेदक सुबीर रॉय सुबास वेलफेयर सोसायटी पंजीयन नंबर-17708, वर्ष 2009, पता- दुर्गा बाडी, सिंधिया नगर, दुर्ग. (छ.ग.) के अनियमित और अवैधानिक कार्यों पर हस्तक्षेप व विरोध करता है. इसलिए श्रीमती काकुली भांजा तथा मनोररंजन रॉय द्वारा फर्जी और मनमाने तरीके से कोर कमेटी की बैठक बुलाकर आवेदक को सचिव के पद से मुक्त कर दिया गया है।

सुबीर रॉय ने बताया कि उक्त समिति का गठन वेलफेयर (कल्याण) कार्यों के लिए किया गया था, परन्तु समिति द्वारा सदस्यों से प्रतिमाह सदस्यता राशि लिया जाता है. इसके बावजूद भी किसी भी प्रकार का कोई वेलफेयर (कल्याण) कार्य नही किया जाता और ना ही सामान्य सभा नियमित रूप से आयोजित किया जाता है। श्रीमती काकुली भांजा तथा मनोररंजन रॉय द्वारा समिति के आय-व्यय का ब्यौरा सामान्य समिति में नही दिया जाता है और आय-व्यय को कम दर्शाते हुए ऑडिट रिपोर्ट अपने अनुसार तैयार करवाया जाता है। उन लोगो के द्वारा आवेदक पर दबाव बनाते हुए ऑडिट रिपोर्ट में हस्ताक्षर करवाया जाता है।

आवेदक को आय-व्यय का ब्यौरा नही दिखाया जाता, केवल दबावपूर्वक आवेदक का हस्ताक्षर लिया जाता है। इस प्रकार के अनिमित्ताओं का विरोध करने के कारण मनमाने तरीके से कोर कमेटी की बैठक बुलाकर आवेदक को सचिव पद से निष्कासित किया गया है, जो कि समिति के नियमावली के विरूध्द है। श्रीमती काकुली भांजा तथा मनोरंजन रॉय द्वारा खेलकूद के मैदान की भूमि पर निर्मित मंदिर से प्राप्त आय की जानकारी आवेदक सचिव को दिये बिना मनमाने ढंग से खर्च किया जाता है।

श्रीमती काकुली भांजा तथा मनोररंजन रॉय द्वारा समिति के आय को भी मंदिर के कार्य में खर्च करना आवेदक सचिव द्वारा विरोध करने के कारण ही नियमावली के विरूध्द जाकर आवेदक सचिव को सचिव के पद से कार्य मुक्त किया गया है, जो कि न्यायोचित नही है।