VIDEO उतई नगर वासियों ने पंचायत कार्यालय का किया घेराव, तालाब की बर्बादी पर भाजपा और कांग्रेसी नेताओ पर लगाए आरोप 

शीतला तालाब मामले को लेकर बवाल

उतई। नगर पंचायत उतई के प्रमुख शीतला तालाब की लद्दी निकालने और सौंदरीकरण करने के बहाने नगर पंचायत उतई द्वारा लिए गए एक  प्रस्ताव ने खोदाई के बहाने अनेक स्थानों पर गहरे और खाई नुमा गढ्ढे खोदे जाने से तालाब बर्बाद हो चुका है। तालाब में पानी भर भी दिया जाय तो निस्तारी करने वालों की जान को सदैव खतरा बना रहेगा और अचानक कभी भी कोई गंभीर दुर्घटना हो सकती है। इसके विरोध में आज बुधवार को आक्रोशित लोगों ने नगर पंचायत उतई का घेराव कर दिया।

इस मसले को लेकर नगर पंचायत उतई में नगर वासियों ने लगभग पंद्रह दिन पहले सैकड़ों की संख्या में पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया था,किंतु नगर पंचायत प्रतिनिधि और अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी और मौके पर व्यवस्था सुधारने में किसी ने रुचि भी नही दिखाई जिससे नाराज होकर दो दिन पूर्व महिलाओं ने फिर नगर कार्यालय में धावा बोला किंतु फिर भी अधिकारियों ने खाना पूर्ति ही की जिससे महिलाओं मोहल्लेवासियों में आक्रोश बढ़ता गया और अंततः अल्टीमेटम देकर सैकड़ों की संख्या में महिलाओ, युवाओं और मोहल्ले वालों ने 29 मई को नगर पंचायत कार्यालय में जबरदस्त प्रदर्शन कर कार्यालय परिसर में ही जमीन पर बौठकर धरना दिया और अधिकारियों को मौके पर पहुंच निरीक्षण कर व्यवस्था सुधारने का वादा करने को बाध्य कर दिया। अंततः नगर पंचायत अधिकारी राजेंद्र नायक, इंजीनियर योगेश्वर सिंह सहित नगर पंचायत के अधिकारी कर्मचारी भीषण गर्मी के बाद भी भरी दोपहरी में शीतला तालाब का निरीक्षण कर जनता की भावनाओं के अनुरूप तालाब की व्यवस्था सुधारने का वादा किया। तब कही जाकर मोहल्ले वासियों ने अपना आंदोलन समाप्त किया। साथ ही किए वादे में किसी तरह का घाल मेल कर जनता को गुमराह करने की किसी भी अगली कोशिश के लिए भारी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी भी दी।

इस पूरे मामले में सबसे गंभीर बात यह है की इस खुदाई हेतु लिए गए प्रस्ताव का नगर पंचायत उतई की कांग्रेस सरकार का किसी भाजपाई पार्षद ने भी विरोध नही किया अपितु पूरी सहमति के साथ समर्थन देते हुए हस्ताक्षर किया जो इस बात का प्रमाण है की शीतला तालाब की बर्बादी में नगर की कांग्रेस सरकार की जितनी जवाबदेही है। उतनी की जवाबदेही सदन के भाजपा पार्षदों की भी है जिन्होंने आंखे मूंद कर इस बर्बादी के प्रस्ताव का समर्थन किया। 

खोदाई प्रारंभ होने के बाद विधायक के करीबी कुछ भाजपाइयों की गाड़ियां भी महीनों तालाब में चली जिससे उन्होंने काफी आर्थिक लाभ भी निश्चित  ही लिया होगा। किन्तु इस दौरान दुर्भाग्य यह रहा की नगर के प्रतिनिधि होने के बाद भी उन्होंने नगर की व्यवस्था बिगाड़ने में तालाब की बर्बादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कुल मिलाकर कहा जा सकता है की दोनो प्रमुख दलों के पार्षदों और नेताओं की तालाब की बर्बादी में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसलिए किसी की ओर से कोई विरोध के स्वर आज तक सुनने में नही मिले जिसके चलते मोहल्ले वालों को स्वयं आगे आना पड़ा क्योंकि नगर पंचायत में सत्ता पक्ष कांग्रेस और विपक्ष भाजपा दोनो दलों के पार्षदों की सांठ गांठ से तालाब की बदस्तूर खोदाई करके लोगों की जान से खिलवाड़ करने की साजिशे रची गई है ऐसा प्रतीत होता है।

तालाब के इस किनारे में खुदाई की मिट्टी पाटकर गौठान बनाने की बात नगर पंचायत द्वारा स्वीकार की गई थी जिस पर आज यूं  टर्न लेते हुए उसे पार्किंग का नया नाम दिया गया जिसका भी आंदोलन कर रहे नगर वासियों ने विरोध किया। इसके बाद बाद दीवाल  नही बनाने की सहमति बनी और पहले तालाब के निस्तारी वाली पचरी ठीक करने और निस्तारी स्थल पर तालाब का ढाल सुनिश्चित ढंग से बनाने की सहमति बनी। वहीं दूसरी ओर अनेक स्थानों पर खाई नुमा गढ्ढे खोद दिए गए है। जिन्हे जेसीबी के माध्यम से परवाने की बात मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने स्वीकार की ओर कार्य शीघ्र प्रारंभ करवाने की बात कही। ताकि  भविष्य में होने वाले खतरो से बचा जा सके।

आज के आंदोलन में प्रमुख रूप से पूर्व जनपद सदस्य सतीश पारख, भाजपा मंडल के महामंत्री सोनू राजपूत, पूर्व पार्षद नरेंद्र साहू,भाजपा के मिडिया प्रभारी पूनमचंद सपहा सहित आंदोलन में नगर वासियों में प्रमुख रूप से मयाराम सिन्हा, धनेश्वरी, भुनेश्वरी, शैलेश कुमार,देवेश साहू, खिलेश्वरी ठाकुर, शशि ठाकुर, शिव ठाकुर, फुलमत ठाकुर, गणेश्वर नेताम, अंजनी नेताम, शशिकला, अनिता, ज्योति, गीतांजलि, त्रिवेणी, पल्लवी, छैलेंद्र साहू, रूखमणी, लीलेश साहू, साक्षी, सरिता, छबिलाल साहू, बिमला, छन्नी, संगीता, दीपक, पूर्णिमा, तामिन, कांति यादव, सुलेखा, पायल, दुर्गा, परागा, लवनकुमार, रामकुमार ठाकुर, शिव साहू, सुखनंदन साहू, रिमन लाल, केशव साहू, महेंद्र कुमार,कांशी, कृष्णा, संजय, नवीन भारती, चंद्रप्रकाश, देवाराम, विमला गजपाल, कांति, गीता, रत्ना, लोमेश भारती, अंजोर दास, नरेश, कार्तिक राम, राकेश टंडन, रूखमणी,गिरजा शंकर सहित मोहल्ले के सैकड़ों महिलाएं युवा बुजुर्ग उपस्थित थे।