राजनांदगांव जिले में नकली खाद बनाने की फैक्ट्री में प्रशासन का छापा, 20 क्विंटल नकली खाद जब्त
राजनांदगांव। जिले के डोंगरगढ़ में नकली खाद बनाने वाली फैक्ट्री का खुलासा हुआ है। रिहायशी इलाके नाकापारा में नकली रासायनिक खाद बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। जिस पर प्रशासन की संयुक्त टीम ने छापा मारकर 20 क्विंटल खाद भी जब्त किया है। अफसरों की टीम पुलिस के साथ मकान में पहुंची और छानबीन शुरु की थी। जहां खाद बनाने संबंधी कोई भी दस्तावेज नहीं मिले। इसके बाद जब्ती की कार्रवाई की गई है। साथ ही फैक्ट्री को भी सील कर दिया गया है।
नकली रासायनिक खाद की पैकिंग में गुजरात कंपनी कामधेनु के नाम का इस्तेमाल किया जाता था और उसकी बोरी, पैकेट में गलत तरीके से नकली खाद की पैकिंग की जाती थी। यहां से पैकिंग के बाद इसे आसानी से मार्केट में बेच दिया जाता था। नमक, केमिकल, रंग और जिंक से नकली खाद बनाए जाती थी। जिसे टीम ने जब्त कर लिया है।
असल में खेती-किसानी का सीजन शुरू होते ही नकली खाद बनाने और पैकिंग करने का गोरखधंधा शुरू हो जाता था और सीजन खत्म होने के बाद महाराष्ट्र के दोनों व्यक्ति काम बंद कर फरार हो जाते थे। अफसरों की टीम ने जिस मकान में दबिश दी वह काफी व्यस्त इलाके में है। खैरागढ़ मेन रोड के किनारे घनी आबादी में किराये का मकान लेकर पिछले चार सालों से यह खेल चल रहा था। पैकिंग के बाद गाड़ी को घर अंदर घुसाकर नकली खाद लोड की जाती थी। नकली रासायनिक खाद जब्त करने के बाद मकान को प्रशासन ने सील कर दिया है और मौके पर मौजूद दो युवती और एक महिला को लिए थाने लाया गया है।
बताया जा रहा है कि, बिना अनुमति के सालों से नकली खाद बनाने का खेल किराये के मकान में चल रहा था। जिसमें महाराष्ट्र के दो लोग सुजीत प्रहलाद धुक और मोहन भूतडा के नाम सामने आ रहे हैं। इन्हीं दोनों ने नाकापारा में एक किराये का मकान लिया था और कुछ लोगों को काम पर रखकर नकली खाद की पैकिंग कराई जाती थी । प्रशासन की टीम को दबिश के दौरान काम करती हुई 2 लड़कियां भी मिली हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने अफसरों को बताया कि वे दैनिक वेतन पर खाद पैकिंग का काम करती हैं। खाद बनाने और सप्लाई के लिए महाराष्ट्र से दो लोग आते है।