बच्चों से कुकर्म करता था मंदिर का पुजारी, खबर न छप पाए इसलिए पत्रकार की करवा दी हत्या, तीन गिरफ्तार, दो शूटर फरार

शूटरों को 4 लाख में दी गई थी सुपारी

सीतापुर। कुकर्म की खबर न छपे, इसलिए पुजारी ने दैनिक जागरण के पत्रकार की हत्या करवा दी। यूपी के जिला सीतापुर में 8 मार्च को हुई पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या का पुलिस ने खुलासा किया। मंदिर के अंदर पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर को एक बच्चे का कुकर्म करते हुए पत्रकार ने देख लिया था। पत्रकार ने ये खबर छापने की बात कही। पुजारी ने अपनी प्रतिष्ठा बचाए रखने के लिए मर्डर की प्लानिंग बनाई। उसने शूटरों को 4 लाख रुपए देकर पत्रकार की हत्या करा दी। इस केस में शिवानंद बाबा, निर्मल सिंह और असलम गाजी गिरफ्तार हैं। दोनों शूटर फरार हैं।

जानकारी के अनुसार पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड का 34 दिनों के बाद बृहस्पतिवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस हत्याकांड में शामिल 5 लोगों का चेहरा बेनकाब हुआ है। साजिश में शामिल कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी को उनके दो परिचितों संग गिरफ्तार किया गया है। वहीं, गोली मारने वाले दो शूटर अभी पुलिस पकड़ से बाहर है। उन्हें पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की तीन टीमों के अलावा एसटीएफ की सात टीमों ने नोएडा के आसपास डेरा डाला हुआ है।

महोली निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की 8 मार्च को दोपहर करीब साढ़े 5 बजे हेमपुर ओवरब्रिज पर चार गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद से ही एसपी चक्रेश मिश्र के निर्देश पर क्राइम ब्रांच निरीक्षक सत्येंद्र विक्रम सिंह के नेतृत्व में तीन टीमों को खुलासे के लिए लगाया गया। वहीं, एएसपी डॉ प्रवीण रंजन सिंह के नेतृत्व में कुल 12 टीमों ने अपनी जांच शुरू की। 34 दिनों में एक हजार से अधिक नंबरों को रडार पर लिया गया। वहीं, सवा सौ संदिग्धों से पूछताछ की गई। टीमों ने करीब 250 सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले। पुलिस ने धान सिंडिकेट, खीरी में एक शख्स से करीबी के साथ साथ कारेदेव बाबा मंदिर में राघवेंद्र संग एक पुजारी की करीबियों के एंगल पर पड़ताल शुरू की। सीसीटीवी कैमरों में दो लोग कारेदेव बाबा मंदिर, राघवेंद्र के घर के आसपास और महोली कस्बे में संदिग्ध रूप से घूमते नजर आए। इन पर शक पुख्ता होते ही गहनता से जांच की गई। पूछताछ में कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर, उनके करीबी निर्मल सिंह और असलम गाजी को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में सामने आया कि राघवेंद्र के हाथ शिवानंद बाबा के कुछ ऐसे राज लग गए थे। जिससे उनकी काफी बदनामी होती। इसका जिक्र शिवानंद ने अपने करीबी निर्मल सिंह से किया। निर्मल सिंह ने असलम गाजी की मदद से दो शूटरों को राघवेंद्र की सुपारी दी। इसके बाद रेकी कर शूटरों ने राघवेंद्र की हत्या कर दी।

पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेयी का सीतापुर जनपद के महोली क्षेत्र स्थित कार्य देव मंदिर में नियमित आना-जाना था। पिछले 5–6 महीनों से वे मंदिर में अधिक समय बिताने लगे थे। इस मंदिर के मुख्य पुजारी रमाकान्त मिश्रा, जो कारीपाकर थाना क्षेत्र के निवासी हैं, पूजा-पाठ की जिम्मेदारी संभालते हैं। मंदिर में ही एक व्यक्ति विकास राठौर नाम बदलकर “विकास मिश्रा उर्फ शिवानंद” के नाम से पिछले पांच वर्षों से रह रहा था। वह मुख्य पुजारी की पूजा में सहायता करता था और तंत्र, ज्योतिष एवं अन्य धार्मिक क्रियाकलापों में भी संलग्न रहता था। राघवेन्द्र और विकास के बीच मंदिर में मुलाकातों के चलते मित्रता हो गई थी।’ विकास राठौर पर मंदिर में सेवा कर रहे एक नाबालिग बालक के साथ पिछले कुछ महीनों से यौन शोषण का गंभीर आरोप है। इसके अलावा, विकास के कई अन्य पुरुषों के साथ समलैंगिक संबंध भी थे। फरवरी में राघवेन्द्र ने विकास को उस नाबालिग के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। विकास को आशंका हो गई कि राघवेन्द्र यह रहस्य सबके सामने उजागर कर सकते हैं, जिससे उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा और मंदिर में उसका स्थान खतरे में पड़ सकता था। इस भय के चलते, विकास ने राघवेन्द्र को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। उसने मंदिर में आने-जाने वाले दो अपराधियों – निर्मल सिंह और असलम गाजी – से संपर्क साधा। यह संपर्क उसने राहगीरों के मोबाइल का उपयोग कर किया ताकि खुद को घटना से अलग रख सके।
विकास ने दोनों को राघवेन्द्र की हत्या के लिए चार लाख रुपये नकद में सुपारी दी। इसके बाद उन्होंने एक-दूसरे के संपर्क नंबर भी डिलीट कर दिए। विकास ने राघवेन्द्र से सामान्य और मधुर व्यवहार बनाए रखा ताकि किसी प्रकार का शक न हो। 8 मार्च की सुबह 10 से 12 बजे के बीच विकास ने किसी बहाने से राघवेन्द्र को मंदिर बुलाया। इसके दो दिन पहले, 6 मार्च की शाम को वे दोनों पुजारी रमाकान्त और अन्य लोगों के साथ खीरी में रासलीला देखने गए थे। वहीं पर विकास की मुलाकात कोमल मिश्रा नामक एक कलाकार से हुई, जिससे उसने नजदीकी बढ़ाने की कोशिश की। 8 मार्च को दोपहर करीब 3 बजे राघवेन्द्र की हत्या कर दी गई। विकास को कई जान-पहचान वालों के जरिए इस घटना की जानकारी मिली। उसी दिन दोपहर 3:40 बजे विकास ने कोमल को कॉल किया। कोमल ने फोन पर कहा कि “आज बड़ा काम हो गया है, चलो पार्टी करते हैं।”