फर्जी डॉक्टर बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 70 हजार में आठवीं पास को भी बना देते थे डॉक्टर, 14 लोग गिरफ्तार, देखें VIDEO
पुलिस ने फर्जी मेडिकल डिग्री बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को छानबीन के दौरान सैकड़ों फर्जी प्रमाण पत्र भी मिले है।
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गुजरात। सूरत से एक बड़ा फर्जीवाड़े का कामला सामने आया है। पुलिस ने फर्जी मेडिकल डिग्री बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को छानबीन के दौरान सैकड़ों फर्जी प्रमाण पत्र भी मिले है। गिरोह द्वारा 8वीं और 12वीं पास लोगों को मात्र 70 हजार रुपए में डॉक्टर की फर्जी डिग्री बनाकर बेचने का काम किया जाता था। मुख्य आरोपी डॉ. रमेश गुजराती ने 1990 में इलेक्ट्रो होम्योपैथी BHMS की पढ़ाई की थी। उसने इलेक्ट्रो होम्योपैथी के क्षेत्र में कदम रखा। उसने यह गिरोह इसलिए शुरू किया क्योंकि भारत सरकार या राज्य सरकार ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी के लिए कोई नियम लागू नहीं किए हैं।
गुजरात पुलिस ने सूरत से डॉक्टरी की फर्जी डिग्री देने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह पिछले 32 साल से कम पढ़े-लिखे बेरोजगारों को 70 हजार में फर्जी डिग्रियां देने का काम कर रहा था। रजिस्ट्रेशन रिन्यू करवाने के लिए 5 हजार रुपए फीस भी लेता था। यह गिरोह अब तक 1200 लोगों को फर्जी डॉक्टरी सर्टिफिकेट दे चुका था। इनमें से एक तो आठवीं पास है। वहीं एक फर्जी डॉक्टर शमीम अंसारी भी शामिल है, जिसके गलत इलाज की वजह से कुछ दिन पहले एक बच्ची की मौत हो गई थी। गिरोह के 2 मुख्य आरोपी डॉ. रमेश गुजराती और बीके रावत के पास से पुलिस को सैकड़ों एप्लिकेशन और सर्टिफिकेट मिले हैं। पुलिस ने खबर मिलने पर पांडेसरा में 3 क्लिनिक पर छापा मारा। जहां इनके पास से बैचलर ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी के सर्टिफिकेट मिले, जिन्हें सूरत के ही 2 डॉक्टरों ने जारी किया था।इनकी जांच करने पर पता चला कि जो सर्टिफिकेट इन्हें दिया गया था, वह गुजरात सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं है। पुलिस के साथ छापा मारने गई टीम ने भी कहा कि डिग्री फर्जी है।
ऐसे हुआ पर्दाफाश
फर्जी डॉक्टर की डिग्री वाले तीन लोग एलोपैथी की प्रैक्टिस करने की सूचना पुलिस को मिली थी। सूचना के आधार पर पुलिस ने राजस्व विभाग के साथ मिलकर इन लोगों के क्लीनिक पर छापा मारा। आरोपियों ने बैचलर ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी मेडिकल साइंस (BEHM) द्वारा जारी की गई डिग्री दिखाई और फंस गया। क्योंकि गुजरात सरकार ऐसी कोई डिग्री जारी नहीं करती है।