भिलाई में 151 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के लिए हुआ भूमिपूजन
भिलाई। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान एवं देवात्मा हिमालय के ऋषि सत्ताओं की सूक्ष्म उपस्थिति में भारतीय संस्कृति एवं संस्कार के नैतिक एवं सांस्कृतिक पुनरुत्थान हेतु वर्ष 1993 में संपन्न भिलाई अश्वमेघ गायत्री महायज्ञ का रजत जयंती समारोह का आयोजन 27 से 30 दिसम्बर तक सेक्टर-7 भिलाई के दशहरा मैदान में 151 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ किया जा रहा है। इसका भूमिपूजन कल 4 दिसम्बर रविवार को दुर्ग सांसद डॉ. सरोज पाण्डेय, नगर निगम भिलाई के खाद्य, लोक स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रभारी लक्ष्मीपति राजू, लोक कर्म प्रभारी एवं विधायक प्रतिनिधि एकांश बंछोर, भिलाई सब्जी मंडी अध्यक्ष विजय सिंह ,गायत्री परिवार छत्तीसगढ़ जोन प्रभारी श्रीमती आदर्श वर्मा, जोन सलाहकार दिलीप पाणिग्रही, उपजोन समन्वयक एसपी सिंह, धीरज लाल टांक, व्ही.पी.सिंह, लोकनाथ साहू, वासुदेव शर्मा, डॉक्टर दयाराम साहू,डॉक्टर एसके फटिंग, दुर्ग, भिलाई, बालोद, बेमेतरा से पधारे गायत्री परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं, आमंत्रित जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। मुख्य यजमान पवन कुमार द्वेदी के साथ सभी गणमान्य लोगों ने धरती माता के आंचल में हल्दी, कुमकुम, सुपाड़ी, दूर्वा, अक्षत-पुष्प, जल, द्रव्य, चंदन, रोली, कलावा जैसे मांगलिक द्रव्य समर्पित कर 151 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ की सफलता के लिए देवशक्तियों से आराधना किये। भूमिपूजन उपरांत दुर्ग, भिलाई, बालोद, बेमेतरा सहित आस-पास से पधारे गायत्री परिवार के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सांसद डॉ. सरोज पाण्डेय ने कहा कि विश्वशांति एवं जनकल्याण के लिए आयोजित गायत्री महायज्ञ वरदान साबित होगा। हम भिलाई वासियों व छत्तीसगढ़ प्रदेशवासियों के लिए सौभाग्य का विषय है कि जाति, धर्म, लिंग, अमीर-गरीब से परे विचार क्रांति जनजागरण युगनिर्माण योजना अभियान के तहत आखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी, वन्दनीय माताजी भगवती देवी शर्मा जी ने सभी को उज्ज्वल भविष्य के लिए चार मंत्र दिया हुआ है समझदारी, ईमानदारी, जिम्मेदारी व बहादुरी इसे अपनाकर अपने जीवन को साध सकते है, अपने जीवन को सफल बना सकते है। जोन प्रभारी श्रीमती आदर्श वर्मा ने कहा कि गायत्री परिवार का एक नारा है हम बदलेंगे तो युग बदलेगा गायत्री परिवार के लोग स्वयं बदल रहे साथ ही इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर युवाओं को भी सही मार्गदर्श प्रदान कर रहे है। ऐसे कार्यक्रमों से संस्कारवान पीढ़ी तैयार होती है। मेरा मानना है संस्कारी परिवार ही राष्ट्र की धुरी है। 29 वर्ष पूर्व 1993 में जनकल्याण हेतु किया गया अश्वमेघ गायत्री महायज्ञ भिलाई का स्मरण 151 कुण्डीय गायत्री यज्ञ में दिलाएगा खासकर युवाओं को जो अभी 29 से 40 वर्ष आयु के हो रहे है वे सभी यज्ञ में सम्मलित होकर पुण्य लाभ अर्जित करें। कार्यक्रम के प्रारंभ में पृथ्वीपाल साहू, रामस्वरूप साहू,गिरधारी लाल साहू, पन्ना लाल वर्मा,सुनील वैष्णव ,महेंद्र वर्मा की संगीत टोली द्वारा प्रज्ञागीत प्रस्तुत किया गया। कार्यकर्ता मोहन उमरे के अनुसार 29 एवं 30 दिसम्बर को देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार उत्तराखंड के उप कुलपति डॉक्टर चिन्मय पंड्या, शांतिकुंज हरिद्वार के शैल बाला पंड्या, शैफाली पंड्या भी उपस्थित रहेंगे। भूमिपूजन कार्यक्रम में व्यवस्था बनाने हेतु रामस्वरूप साहू, रामाधार महिलांग, मोहन उमरे, सहदेव साहू,रमेश उइके, भागवत ठाकुर, श्रीमती किरण चतुर्वेदी, डॉक्टर एस कुमार, राजमणि दुबे, वीपी सिंह, राम किंकर पाण्डेय, जयंत पोद्दार, जितेंद्र प्रसाद साहू, लक्ष्मण देवांगन, विनीता तिवारी, दिव्य भारत युवा संघ के सदस्यों सहित गायत्री परिवार के सभी महिला पुरुष कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा।