खुदाई में धरती के नीचे से मिली 600 ईसा पूर्व की अनोखी चीज

खुदाई में धरती के नीचे से मिली 600 ईसा पूर्व की अनोखी चीज

मदुरै। तामिलनाडु में मदुरै से 12 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित कीलाडी में 2014 से पुरातत्वविदों की ओर से खुदाई की जा रही है। ऐतिहासिक उत्खनन स्थल कीलाडी में अब पुरातत्वविदों ने संगम युग की एक क्रिस्टल क्वॉर्ट्ज वजन इकाई का पता लगाया है। जमीन से करीब 175 सेमी नीचे पाई गई इस क्वॉर्ट्ज वजन इकाई को खुदाई के बाद से पहली बार खोज निकाला गया है। अद्वितीय डिजाइन वाली क्रिस्टल इकाई का आकार कुछ हद तक गोलाकार है।
प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक राज्य पुरातत्व विभाग के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि क्रिस्टल क्वॉर्ट्ज वजन इकाई का व्यास 2 सेमी, ऊंचाई 1।5 सेमी और वजन मात्र 8 ग्राम है। इसके अलावा खुदाई के दौरान पुरातत्वविदों को एक टेराकोटा होपस्कॉच, एक लोहे की कील, काले और लाल बर्तन भी मिले हैं। पुरातत्वविदों को एक मिट्टी की सांप की मूर्ति भी खुदाई में मिली है।
इस खोज ने इतिहासकारों और पुरातत्वविदों में उत्साह जगा दिया है क्योंकि अतीत में वजन मापने वाली इकाइयां मुख्य रूप से पत्थरों से बनी होती थीं। हालांकि निष्कर्षों पर विस्तृत मूल्यांकन चल रहा है, एक विशेषज्ञ ने कहा कि वे उस सटीक इकाई को नहीं जानते हैं जिसका वजन करने के लिए क्रिस्टल का प्रयोग किया जाता था।
राज्य पुरातत्व विभाग के एक विशेषज्ञ ने कहा कि हम पुष्टि कर सकते हैं कि उनका उपयोग वजन तौलने के लिए किया जाता था। हालांकि हमें पहले पत्थर से बनी वजन इकाइयां मिलीं, लेकिन ये चट्टान से नहीं बल्कि खनिजों से बनी थीं। इन भार इकाइयों का उपयोग धान या सब्जियों के लिए नहीं बल्कि सोने, कीमती और अर्ध-कीमती पत्थरों जैसी उच्च मूल्य वाली वस्तुओं को तौलने के लिए किया जाता था। क्रिस्टल या खनिज पदार्थों का उपयोग वजन मापने वाली इकाइयों के रूप में किया जाता है क्योंकि वे सटीक परिणाम देते हैं और जलवायु पर निर्भर नहीं होते हैं।